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एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, पंचकूला का प्लॉट अटैच

ईडी ने एजेएल को प्लाट आवंटन करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने कंपनी के पंचकूला सेक्टर 6 स्थित प्लाट सी 17 को अटैच कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 05:50 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 06:03 PM (IST)
एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, पंचकूला का प्लॉट अटैच
एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, पंचकूला का प्लॉट अटैच

जेएनएन, चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेरॉल्ड के स्वामित्व वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को प्लाट आवंटन करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने कंपनी के पंचकूला सेक्टर 6 स्थित प्लाट सी 17 को अटैच कर दिया है। अब ईडी द्वारा इस प्लाट को अटैच कर दिए जाने से इस पर कोई काम नहीं हो सकेगा।

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बता दें, प्लॉट आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत में दो दिन पूर्व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा , एजेएल के तत्कालीन चेयरमैन कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। अब इनके खिलाफ विशेष सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल चलेगा।

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने हाल ही में सीबीआइ को पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दी थी। हुड्डा विशेष सीबीआइ अदालत में पहले से ही मानेसर जमीन घोटाले में ट्रायल झेल रहे हैं। पंचकूला में गलत तरीके से प्लाट आवंटन के केस में उन पर आरोप है कि सन् 2005 में उनकी सरकार के दौरान एजेएल को गलत तरीके से जमीन आवंटित की गई थी। वर्ष 2005 में 1982 की दरों पर पंचकूला के सेक्टर 6 में प्लॉट नंबर (सी-17) आवंटित कर दिया गया था, जिसके चलते सरकार को 67.65 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

नियमों की हुई अनदेखी

24 अगस्त 1982 को पंचकूला सेक्टर 6 में 3360 वर्गमीटर का प्लॉट नंबर सी -17 तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने एजेएल प्रकाशन समूह के हिंदी अखबार नवजीवन को अलॉट किया था। कंपनी को इस पर 6 माह में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था, लेकिन कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई। 30 अक्टूबर 1992 को हुडा ने अलॉटमेंट कैंसिल करके प्लॉट को वापस ले लिया।

14 मार्च 1998 को एजेएल की ओर से आबिद हुसैन ने चेयरमैन हुडा को प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली के लिए अपील की। 14 मई 2005 को हुडा के चेयरमैन ने अफसरों को एजेएल कंपनी के प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा, लेकिन कानून विभाग ने अलॉटमेंट बहाली के लिए साफ तौर पर इन्कार कर दिया।

18 अगस्त 1995 को नए आवंटन के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। 28 अगस्त 2005 को हुड्डा ने एजेएल को ही 1982 की मूल दर पर प्लॉट अलॉट कर दिया। साथ ही कंपनी को 6 माह में निर्माण शुरू करके 1 साल में काम पूरा करने को भी कहा। एजेएल अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज अखबारों का प्रकाशक रहा हैै।

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