परदादा देवीलाल की राह पर दुष्यंत चौटाला, हरियाणा में पंचायतों व चौपालों की शान बढ़ाएंगे मुड्डे
हरियाणा में पंचायतों के लिए उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को हजार मुड्डे तैयार करने का निर्देश हैं। पहले चरण में एक हजार ग्राम पंचायतों को ग्रामीण कारीगरों द्वारा तैयार मुड्डे दिए जाएंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणवी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा मुड्डा अब गांवों की पंचायतों व चौपालों की शान बढ़ाएगा। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने अपने परदादा और पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय ताऊ देवीलाल की तर्ज पर ग्राम पंचायतों को बैठने के लिए मुड्डे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को दस हजार मुड्डे तैयार करने को कहा गया है जिन्हें पंचायत एवं विकास विभाग गांवों में पहुंचाएगा। पहले चरण में एक हजार गांवों में यह मुड्डे दिए जाएंगे।
दरअसल उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला वीरवार को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के नवनियुक्त चेयरमैन रामनिवास सुरजाखेड़ा को पदभार संभलवाने के लिए पंचकूला स्थित बोर्ड के कार्यालय गए थे। इस दौरान वहां खादी बोर्ड द्वारा बनाए जाने वाले खादी के वस्त्र, कुटीर व ग्रामोद्योग से जुड़ी अन्य वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया था। दुष्यंत की नजर वहां रखे मुड्डे पर पड़ी तो उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि यह मुड्डा यहां बैठने के लिए है या खादी बोर्ड इसे बेचता भी है?
इस पर अधिकारियों ने बताया कि गांवों के कारीगरों से खादी बोर्ड यह मुड्डे तैयार कराता है और इन्हेंं बेचता है। यह सुनते ही दुष्यंत बोले...'अरे वाह, बहुत खूबसूरत हैं ये मुड्डे।' हरियाणा के कारीगरों से बने मुड्डे उन्हें इस कदर पंसद आए कि उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पूछा कि दस हजार मुड्डे आप कितने दिन में तैयार कर सकते हो। इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को जल्द ही रिपोर्ट करने को कहा।
शुक्रवार को हुई हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग की प्रथम बैठक में मुड्डों को गांवों तक पहुंचाने पर विचार किया गया। फिलहाल खादी बोर्ड को दस हजार मुड्डे तैयार कराने को कहा गया है। विकास एवं पंचायत विभाग इन मुड्डों को खरीदकर पंचायतों को देगा।
ताऊ देवीलाल ने भी पहुंचाए थे गांवों में मुड्डे
पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. जननायक चौधरी देवीलाल का भी मुड्डों के प्रति खासा लगाव था। वे खुद भी बैठने के लिए मुड्डे का प्रयोग करते थे और जहां कहीं भी पांच-छह लोग मुड्डों पर बैठे दिखते तो वह अपनी गाड़ी रूकवाकर उनके पास जाकर ग्रामीणों का हालचाल जानते थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गांवों के पंचायत घरों में मुड्डे पहुंचाए थे। उनकी सोच थी कि गांवों में बनी वस्तुएं बाजार में बिकेंगी तो इससे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उनकी आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन स्तर उंचा उठेगा।