सियासी मोर्चे पर चाचा- भतीजा; देवीलाल के अंदाज में आए दुष्यंत चौटाला, अभय भी मैदान में
हरियाणा की सियासत में चाचा अभय और दुष्यंत चौटाला सक्रिय हो गए हैं। दुष्यंत गांवों में देवीलाल के अंदाज में दिख रहे हैं। वहीं अभय भी पूरे जोर-शोर से मैदान में डट गए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की सियासत में चाचा और भतीजा सक्रिय हो गए हैं। चाचा अभय सिंह चौटाला और भतीजा दुष्यंत चौटाला खोए जनाधार को फिर पाने प्रयास में अपने-अपने तरीके से जुट गए हैं। इनेलो विधायक दल के नेता अभय अपने बेटे अर्जुन चौटाला की सगाई करने के बाद फील्ड में निकल पड़े हैं। दूसरी ओर, जननायक जनता पार्टी के संयोजक व पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने गांवों का रुख करेंगे। इस दौरान दुष्यंत अपने परदादा पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के अंदाज में नजर आएंगे। वह ताऊ देवीलाल के स्टाइल में लोगों से रूबरू होंगे।
24 जुलाई से बहदुरगढ़ से अभियान की शुरूआत करेंगे दुष्यंतं, चाचा ने भी तय किए एजेंडे
दुष्यंत चौटाला अगले डेढ़ महीने गांवों में लोगों, किसानों व कर्मचारियों के बीच रहेंगे। दुष्यंत गांवों में ही नाश्ता करेंगे। दोपहर का भोजन चौपाल व खेतों में होगा और रात को लोगों से संवाद के साथ उनका ठहराव भी गांवों में ही किया जाएगा। इस तरह कभी ताऊ देवीलाल लाेगों से संवाद किया करते थे। इस तरह दुष्यंत अपने परदादा ताऊ देवीलाल के नक्शे-कदम पर हैं।
इस बार के विधानसभा चुनाव में गांव-देहात के मतदाताओं का रुख किसी भी दल की हार जीत में निर्णायक भूमिका साबित होगा। लोकसभा चुनाव में भी देहात के मतदाता एकजुट दिखाई दिए। इन मतदाताओं पर सभी दलों की निगाह है। अभय सिंह चौटाला हलका स्तर पर लोगों के बीच जा रहे हैं, जबकि दुष्यंत चौटाला ने एक दिन में दो विधानसभा क्षेत्रों के आठ गांवों में दस्तक देने का कार्यक्रम तय किया है। इसके तहत दुष्यंत चौटाला 24 जुलाई से 'चलें गांव की ओर' अभियान शुरू करेंगे। झज्जर जिले के बहादुरगढ़ से इस अभियान की शुरुआत होगी।
अभय चौटाला ने दुष्यंत के समानांतर अपने दोनों बेटों करण सिंह चौटाला व अर्जुन सिंह चौटाला को भी फील्ड में पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है। दोनों को इनेलो के प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। करण और अर्जुन को युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने की जिम्मेदारी खास तौर सौंपी गई है। सुनैना चौटाला को दुष्यंत चौटाला की मां विधायक नैना सिंह चौटाला के समानांतर महिलाओं को इनेलो के साथ जोडऩे का टास्क दिया गया है। गांव-देहात और शहरों की बागडोर खुद अभय चौटाला के हाथ में है।
आप तलाश रही मजबूत उम्मीदवार, कांग्रेस को बसपा से आस
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले चौटाला परिवार के बीच सुलह की कोई गुंजाइश दिखाई नहीं दे रही है। हालांकि इनेलो के तमाम पुराने दिग्गज नेता चाचा अभय चौटाला और भतीजे दुष्यंत चौटाला के बीच सुलह कराने की कोशिश कर चुके हैं, मगर इसमें उन्हें सफलता मिलती दिखाई नहीं दे रही है।
इनेलो और कांग्रेस की आपसी कलह का नतीजा यह हो रहा कि भाजपा को अपने मिशन 75 की राह आसान नजर आ रही है। वहीं लोकसभा चुनाव में आप और जेजपा का गठबंधन था, लेकिन जिस तरह से आप की हरियाणा इकाई के प्रधान नवीन जयहिंद और राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने सभी 90 हलकों में उम्मीदवारों की तलाश आरंभ कर रखी है, उसे देखकर विधानसभा चुनाव में गठबंधन खटाई में नजर आ रहा है। इसके अलावा कई गुटों में बंटी कांग्रेस को बसपा के साथ गठजोड़ की आस है।