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बाबू जी जरा धीरे चलना..बड़े गड्ढों हैं इन राहों

शहर की मुख्य सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखने शुरू हो गए हैं। वाहनों के शॉकरर्स भी अब जबाव देने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 05:57 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:19 AM (IST)
बाबू जी जरा धीरे चलना..बड़े गड्ढों हैं इन राहों

जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर की मुख्य सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखने शुरू हो गए हैं। वाहनों के शॉकरर्स भी अब जबाव देने लगे हैं और अब यही सुनने को मिल रहा है कि बाबू जी जरा चलना, बड़े गड्ढे हैं इन राहों में। गड्ढों के कारण दोपहिया और चार पहिया वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ रही है, वहीं सड़क दुर्घटनाओं का भी खतरा बढ़ने लगा है। मरम्मत के लिए एक साल देरी के चलते सड़कों पर गड्ढों की भरमार है। पंचकूला से चंडीगढ़ एंट्री प्वाइंट पर स्वागत द्वार के बिल्कुल नीचे सड़क टूटी हुई है। वेलकम पंचकूला के नीचे टूटी सड़क पंचकूला आने वाले लोगों का स्वागत करती है। सरकारी कार्यालयों की ओर जाने वाली मुख्य और आंतरिक सड़कों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सेक्टर-1 और 2 की डिवाइडिग रोड, जो जिला अदालतों और भाजपा कार्यालय के ठीक सामने है, गड्ढों से भरी है। इससे भी बदतर सेक्टर-23 से 28 तक विभिन्न गोल चक्करों, घग्गर सेक्टरों और यहां तक कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें भी खस्ताहाल हो चुकी हैं। सेक्टर-17, 16, 20, 21, 4, 5 के लिए प्रवेश मार्ग, सेक्टर-1 में मिनी सचिवालय की ओर जाने वाली सड़क पर रोजाना शहर के डीसी, एडीसी, एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन इन सड़कों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर के बाजारों में सड़कों की हालत भी अलग नहीं है।

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घग्गर पार सेक्टरों की सड़कें खस्ता हाल हैं। इनकी मरम्मत करवाने के लिए अधिकारियों से गुजारिश की गई है। सेक्टर-23 से 28 तक सड़कों की हर बरसात के बाद हालत खराब हो जाती है। सड़क के हालात ऐसे हैं कि बिना बरसात के भी 6 से 8 महीने के अंदर यह सड़क टूटनी शुरू हो जाती है। इसके बाद यहां से गुजरने वाले लोगों को तो दिक्कत होती ही है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रॉब्लम टू-व्हीलर चालकों को होती है। इसलिए सड़कों में प्रयोग होने वाले मैटेरियल पर विशेष फोकस करना चाहिए।

-जसवीर गोयत, पूर्व प्रधान, सेक्टर-28 आरडब्ल्यूए पंचकूला में लगभग सभी सड़कें जर्जर हैं, और गड्ढों के कारण ड्राइविग करने में परेशानी होती है। जिससे जान जोखिम में पड़ जाती है। नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को सड़कों को ठीक करवाने के लिये प्रयास करने चाहिए।

-सीमा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता ठेकेदार प्रयुक्त सामग्री घटिया गुणवत्ता की प्रयोग करते हैं। एमसी के अधिकारी अकसर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए इन खामियों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो अंत में सार्वजनिक हो जाते हैं। सड़कों पर पहले भी कई जिदगियां जा चुकी हैं और यदि यही हाल रहा, तो 2017 से पहले के हालत फिर बन जाएंगे।

-करुणदीप चौधरी, पूर्व प्रत्याशी इनेलो सड़कों की पहले कब मरम्मत हुई थी और कब तक सड़कें टूटनी नहीं चाहिए थी, इसका पूरा रिकॉर्ड चेक करवाया जाएगा। सड़कों की मरम्मत के लिए पर्याप्त फंड हैं, लेकिन यदि ठेकेदार ने समय पर सड़कों की रिपेयर नहीं की है, तो जांच करवाई जाएगी। इंजीनियरिग विग को खस्ता हाल सड़कों की सूची बनाने के लिए कह दिया है।

-सुमेधा कटारिया, प्रशासक नगर निगम पंचकूला


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