करोड़ों की पेयजल परियोजना विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ी
इलाके में करोड़ों रुपये खर्च कर तैयार किए गए ठाठर-समलौठा प्रोजेक्ट का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ।
धर्म शर्मा, मोरनी : इलाके में करोड़ों रुपये खर्च कर तैयार किए गए ठाठर-समलौठा प्रोजेक्ट का ग्रामीणों को कई वर्ष बीतने के बावजूद भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। जनस्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2017-18 में 92 लाख की लागत से बनने वाली ठाठर-समलौठा पेयजल परियोजना का कार्य शुरू किया था। एक वर्ष में ग्रामीणों को इस पेयजल परियोजना से पानी देने की योजना थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व ठेकेदार की मनमर्जी से किए गए कार्य से यह प्रोजेक्ट निर्धारित समय अवधि में पूरा नहीं हो सका। हालांकि ग्रामीणों के लिए तैयार इस पेयजल प्रोजेक्ट पर इसके निर्माण से ही ऊंगली उठनी शुरू हो गई थी और ग्रामीण इसका विरोध करते रहे मगर जनस्वास्थ्य विभाग ने इसकी ओर कोई विशेष ध्यान न देकर इसका कार्य सुचारू रखा। किसी तरह इसके लिए आवश्यक पेयजल स्टोरेज टैंक व इन टैंकों तक पानी पहुंचने के लिए पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन स्टोरेज टैंकों से आगे गांवों तक अभी तक लिंक पाइप लाइन न बिछाए जाने के कारण ग्रामीण पेयजल से वंचित हैं और उनमें विभाग की ढिलाई के प्रति रोष है। कुदाना पंचायत के सरपंच मनफूल शर्मा व ग्रामीण बाबू राम, टेक चंद, प्रीतम चंद, करतारा राम, तिलक राज, गुरदयाल, संजीव, तुलसी राम, महेश, रामकिशन, अशोक कुमार, अमरनाथ, रमेश पंच, माडू राम व देशराज आदि ने बताया कि विभाग की ढिलाई के कारण उन्हें आने वाली गर्मी में भी पेयजल के कारण परेशानी उठानी पड़ सकती है। लटकाया जा रहा है कार्य
ग्रामीणों ने बताया कि उपरोक्त प्रोजेक्ट में ठेकेदार ने विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से खूब धांधली की है। थर्ड क्लास मैटीरियल प्रयोग किए जाने के कारण अब विभाग को डर है कि कहीं पोल न खुल जाए इसलिए वह गांवों में लिक पाइप लाइन नहीं लगा रहा है। नहीं हुए पानी व मोटर कनेक्शन
विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि समलौठा तक पानी पहुंचाने के लिए कुदानाघाट में बने टैंक में अभी तक कनेक्शन नहीं कर पाया है। जबकि विभाग ग्रामीणों को कई दिनों से जल्द पानी देने की बात कहकर गुमराह कर रहा है।
ठेकेदार द्वारा पेयजल प्रोजेक्ट निर्माण के दौरान की गई खामियों के चलते परियोजना से समय पर ग्रामीणों को पानी नहीं दिया जा सका। एक माह में ठेकेदार से कार्य संपूर्ण करवाकर गांवों में पानी दे दिया जाएगा। गांवों तक लिक लाइन लगाना प्रोजेक्ट में शामिल नहीं था, इसलिए इसमें देरी हुई है।
-विकास लाठर, कार्यकारी अभियंता, जनस्वास्थ्य विभाग