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हरियाणा में राशन डिपुओं पर मिलेंगे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के घरेलू उत्पाद, पांच जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

हरियाणा में राशन डिपुओं पर अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों के घरेलू उत्पाद भी मिलेंगे। राज्य के पांच जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है तो राज्य के अन्य जिलों में भी इसे शुरू कर दिया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 11:39 AM (IST)
हरियाणा में राशन डिपुओं पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के घरेलू उत्पाद भी मिलेंगे। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में सरकारी राशन डिपुओं में अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भी घरेलू उत्पाद मिलेंगे। पांच जिलों यमुनानगर, सिरसा, करनाल, फतेहाबाद और पंचकूला में आठ सप्ताह का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। प्रयोग सफल रहा तो इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।

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राशन डिपुओं में डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य नामी-गिरामी कंपनियों के उत्पाद मिलेंगे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गत दिवस डिपो होल्डरों के जरिये ब्रांडेड एफएमसीजी कंपनियों (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) का सामान उचित दामों पर बिक्री करने की योजना की शुरुआत की।

डिपो हाेल्डरों के माध्यम से ग्रामीण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की कुछ सेवाओं का लाभ भी सहजता से ले सकेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कान्फेड के तीन प्रोजेक्ट्स की शुरूआत करते हुए कहा कि कान्फेड के माध्यम से इको-सिस्टम बनाएंगे जिसमें गांव के गरीब लोगों तक राशन डिपो द्वारा बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियों, स्वयं सहायता समूह और अन्य विनिर्माण कंपनियों द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुओं को वाजिब दर पर उपलब्ध कराया जा सके। इससे प्रदेश में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती मिलेगी।

चौटाला ने बताया कि कान्फेड एसबीआइ के सहयोग से एक ग्राहक सेवा बिंदु (सीएसपी) स्थापित करेगा जो बैंक द्वारा संचालित वित्तीय सेवाओं का विस्तार करने में सहायता करेगा। चयनित एफपीएस मालिक एसबीआइ के खुदरा विक्रेता के रूप में कार्य कर सकेंगे। यह एफपीएस मालिक ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेंगे जिसके बदले में उनको कमीशन मिलेगा।

सिरसा और करनाल में यह पायलट प्रोजेक्ट किया शुरू किया गया। उपमुख्यमंत्री ने सी-एसएमआरटी (कान्फेड-सर्विलांस, मानिटरिंग, रियल-टाइम) नामक एक नया आनलाइन मोबाइल एप्लिकेशन भी लांच किया। यह एप निर्धारित समय में सार्वजनिक वितरण से जुड़े लाजिस्टिक्स को बनाए रखने और ट्रैक करने में मदद करेगा।


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