हरियाणा में 22 साल बाद हो रहे छात्र संघ चुनाव के तरीके पर विवाद गहराया
हरियाणा में 22 साल बाद हो रहे छात्र संघों के चुनाव को लेकर विवाद पैदा हो गया है। राज्य सरकार द्वारा यह चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से करने के विरोध में अब एबीवीपी भी आ गई है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में 22 साल बाद छात्र संघ चुनाव तो इसी माह होंगे, लेनिक इन पर विवाद की छाया गहरी हो गई है। छात्र संघ चुनाव के तरीके को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इनेलो के छात्र संगठन इनसो और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ के बाद भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी अप्रत्यक्ष रूप से कराए जाने वाले छात्र संघ के चुनावों का विरोध कर दिया है। इनसो और एनएसयूआइ आरंभ से ही अप्रत्यक्ष चुनाव के हक में नहीं थे। लेकिन, एबीवीपी के भी इस पर आपत्ति जताने के बाद अब सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है। राज्य में छात्र संघ चुनाव 12 अक्टूबर को होंगे।
इनसो व एनएसयूआइ के बाद एबीवीपी भी सरकार के खिलाफ मुखर, प्रत्यक्ष तरीके से चुनाव की मांग
हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने 15 अक्टूबर से पहले-पहले कालेजों व विश्वविद्यालयों में छात्र संघ के चुनाव कराने का ऐलान किया है। संभावना है कि यह चुनाव 12 अक्टूबर को होंगे। इसके लिए सभी जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैैं।
राज्य सरकार की मंशा अप्रत्यक्ष चुनाव कराने की ताकि न भड़के हिंसा
पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने हरियाणा में छात्र संघ के चुनाव पर रोक लगाई थी। इन चुनावों में हिंसा हावी हो जाने के कारण बंसीलाल ने यह कदम उठाया था। उनके इस फैसले के बाद राज्य में इनेलो व कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने छात्र संघ के चुनाव कराने का साहस नहीं जुटाया। बंसीलाल ने जब छात्र संघ के चुनाव पर रोक लगाई थी, तब उनके फैसले में भाजपा भी साझीदार थी।
भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में छात्र संघ के चुनाव बहाल करने का वादा किया था। सरकार ने चार साल बाद यह वादा तो पूरा कर दिया, लेकिन विवाद अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष चुनाव कराने को लेकर है। प्रो. टंकेश्वर के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय कमेटी ने अपनी सिफारिशों में सरकार के सामने दोनों विकल्प रख दिए हैैं, मगर सरकार कालेजों व विश्वविद्यालयों में हिंसा को रोकने की मंशा से अप्रत्यक्ष चुनाव कराना चाहती है, जिसका सभी छात्र संगठन खुलकर विरोध करने में जुट गए हैैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद करेगी तीन बड़ी रैलियां
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रत्यक्ष चुनाव कराने के हक में है। परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री श्याम सिंह राजावत के अनुसार विद्यार्थी परिषद ने 28 सितंबर को कुरुक्षेत्र में रैली कर अपनी इस मांग से सरकार को अवगत करा दिया था। इसके बावजूद शिक्षा मंत्री ने अप्रत्यक्ष चुनाव का संकेत दिया है। इसके विरोध में और प्रत्यक्ष चुनाव कराने की मांग को लेकर परिषद की ओर से चार अक्टूबर को हिसार, पांच को रेवाड़ी और छह अक्टूबर को रोहतक में तीन बड़ी रैलियां की जाएंगी।
इनसो व एनएसयूआई समेत 16 संगठन प्रत्यक्ष चुनाव के हक में
हरियाणा में इनसो और एनएसयूआई समेत 16 छात्र संगठन प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने के हक में हैैं। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला का कहना है कि अप्रत्यक्ष चुनावों के जरिये भाजपा कालेज व विश्वविद्यालयों पर कब्जा करना चाहती है। अधिकतर छात्र संगठन इस मुद्दे पर एक हैैं।
4 अक्टूबर को सभी छात्र संगठनों की संयुक्त समिति की चंडीगढ़ में बैठक होगी, जिसमें निर्णायक फैसला लिया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम चुनावों का बहिष्कार भी कर सकते हैैं। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा के अनुसार हम प्रत्यक्ष चुनाव के हक में हैैं। अप्रत्यक्ष चुनाव का खुला विरोध होगा।
क्या अंतर है प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनावों में
छात्र संघ के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनावों में काफी अंतर है। प्रत्यक्ष चुनाव के तहत सीआर (कक्षा प्रतिनिधि), कालेज या विश्वविद्यालय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव समेत तमाम पदाधिकारी सीधे वोटिंग के जरिये चुने जाते हैैं। अप्रत्यक्ष चुनाव में सिर्फ सीआर चुन लिए जाते हैैं। फिर चुने हुए सीआर अपने में से किसी को अध्यक्ष या उपाध्यक्ष समेत अन्य पदों पर नामित कर सकते हैैं।
---------
'इस साल अप्रत्यक्ष चुनाव, अगले साल प्रत्यक्ष'
हरियाणा में 22 साल बाद बीजेपी ने छात्र संघ के चुनाव कराने की पहल की है। इस साल अप्रत्यक्ष चुनाव ही होंगे। लिंगदोह कमेटी की सिफारिश पर चुनाव हो रहा है। टंकेश्वर कुमार की कमेटी ने भी अप्रत्यक्ष चुनाव की सिफारिश की है। अगले साल से प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाएंगे।
- मनोहरलाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।