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डीजल जनरेटर चलाने की अनुमति पर ईपीसीए और हरियाणा सरकार के बीच विवाद बढ़ा

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण ने प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली और एनसीआर में 15 अक्टूबर से डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इससे गुरुग्राम व फरीदाबाद में उद्यमियों को इसकी अनुमति देेने को लेकर विवाद पैदा हो गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 08:21 PM (IST)
डीजल जनरेटर चलाने की अनुमति पर ईपीसीए और हरियाणा सरकार के बीच विवाद बढ़ा
हरियाणा के एनसीआर जिलों में डीजल जेनरेटर पर रोक से उद्यमी परेशान हैं।

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली और एनसीआर में 15 अक्टूबर से डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। गुरुग्राम और फरीदाबाद की 20 ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में डीजल जनरेटर चलाने के प्रतिबंध में छूट की अनुमति को लेकर अब हरियाणा सरकार व ईपीसीए आमने-सामने हैं। ईपीसीए को इसकी अनुमति नहीं दी है।

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सीएम मनोहर लाल ने बुलाई प्रभावित ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के बिल्डरों की बैठक

हरियाणा में विद्युत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल को पत्र लिखकर बताया था कि गुरुग्राम सहित फरीदाबाद की 20 ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में विभाग बिजली व्यवस्था नहीं कर पाया है। इसलिए इन सोसायटी में डीजल जनरेटर चलाने की अनुमति दी जाए। ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस तरह की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है।

सोसायटियों में विद्युत व्यवस्था को ईपीसीए ने हरियाणा सरकार से मांगा शपथ पत्र

भूरेलाल का कहना है कि हरियाणा सरकार ने गत वर्ष भी इसी तरह एक वर्ष का समय मांगा था। एक वर्ष में भी राज्य सरकार इन सोसायटी को बिजली उपलब्ध नहीं करा पाई है। ऐसे में अब ईपीसीए तब तक अनुमति नहीं देगा जब तक राज्य सरकार संबंधित ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के डेवलपर्स के साथ समन्वय बनाकर शपथपत्र नहीं देती। सरकार को संबंधित बिल्डरों सहित बिजली आपूर्ति के लिए समयबद्ध शपथपत्र देना होगा।

मामला बिगड़ता देख अब इस विवाद को सुलझाने के लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहल की है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के संबंधित ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के बिल्डरों से कई तरह के विवाद के चलते इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। ईपीसीए यदि सरकार के शपथ पत्र से मानती तो भी मामला सुलझ जाता मगर अब सरकार की तरफ से डेवलपर्स से चर्चा की जाएगी।

बता दें, ईपीसीए ने प्रदूषण कम करने के लिए रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) बनाया हुआ है। इसके तहत जरूरी वस्तुओं का उत्पादन कर रही फैक्ट्रियों के अलावा सभी पर 15 मार्च तक डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।


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