मंत्री समूह की बैठक में छाया रहा ढींगरा आयोग व SYL मामला
हरियाणा कैबिनेट के मंत्री समूह की बैठक में एसवाइएल और ढी़ंगरा आयोग की रिपोर्ट का मामला छाया रहा। मंत्री समूह ने इन मुद्दों पर रणनीति बनाई।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाण केबिनेट की मंत्री समूह की बैठक में सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाइएल) पर पंजाब से छिड़ी कानूनी और कूटनीतिक जंग और ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर बदलते हालात मुख्य चर्चा के केंद्र रहे। बैठक में इस पर खूब माथापच्ची हुई। इसके अलावा नोट बंदी से राज्य में पैदा हुईं चुनौतियों से निपटने पर भी विचार किय गया।
बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह की बैठक में तीनों मसलों पर गंभीरता से विचार विमर्श कर आगे की रणनीति बनाई गई। यह बैठक मंगलवार को होनी थी, लेकिन इस एक दिन आगे कर दिया गया था।
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बैठक में 6 दिसंबर से आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। मंत्री समूह ने डिजिटल हरियाणा और ई-गवर्नेंस की प्रगति की भी समीक्षा की। इस दौरान सभी मंत्री और सीपीएस भी मौजूद रहे। बैठक में एसवाइएल का मामला छाया रहा। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश यूयू ललित के मामले की सुनवाई से इन्कार करने के बाद अब बृहस्पतिवार को बहस होनी है।
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पंजाब के खिलाफ पुख्ता पैरवी कर उसे बैकफुट पर लाने के लिए पहले ही नई दिल्ली में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के आवास पर भाजपा कोर ग्रुप की बैठक हो चुकी है। मंत्री समूह की बैठक में इस पर फाइनल मुहर लगाते हुए राष्ट्रपति से मुलाकात सहित अन्य रणनीति पर चर्चा की गई।
दूसरी अोर, वाड्रा-डीएलएफ जमीन सौदे की जांच कर रहे ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को लेकर पैदा नए हालात पर भी चर्चा की गई। मनोहर सरकार आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के अगले सत्र में पेश करने की तैयारी कर रही थी। लेकिन, इस मामले सरकार की तैयारी को झटका लगा है।
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती देने के बाद सहमति बनी कि अब अदालती आदेश के बाद ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा। बड़े नोटों को बंद किए जाने के बाद प्रदेश में मची आपाधापी और विपक्षी दलों द्वारा इसे मुद्दा बनाने पर चर्चा हुई। निर्णय किया गया कि स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। खासकर लोगों को अफवाहों से बचाने के लिए जागरूक किया जाएगा।
गीता जयंती महोत्सव की तैयारियों पर मुख्यमंत्री का कहना था कि पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम के आयोजन में कहीं कोई कमी-पेशी न रहे। ब्लॉक स्तर से लेकर सभी जिलों में होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम यादगार होने चाहिए। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में होने वाले मुख्य कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी जाए। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आएंगे।