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छत्रपति हत्याकांड पर फैसला 11 को, कोर्ट में पेश होगा रामरहीम

जासं, पंचकूला : डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत रामरहीम के खिलाफ चल रहे सिरसा के पत्रकार छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआइ कोर्ट 11 जनवरी को फैसला सुनाएगी

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 01:20 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 01:20 AM (IST)
छत्रपति हत्याकांड पर फैसला 11 को, कोर्ट में पेश होगा रामरहीम
छत्रपति हत्याकांड पर फैसला 11 को, कोर्ट में पेश होगा रामरहीम

जासं, पंचकूला : डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत रामरहीम के खिलाफ चल रहे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआइ कोर्ट 11 जनवरी को फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने बुधवार को राम रहिम सहित सभी आरोपितों को 11 जनवरी को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए। राम रहीम को पेश करने की जिम्मेदारी सुनारिया जेल रोहतक के सुपरिंटेंडेंट की होगी। इस मामले में सीबीआइ की ओर से 46 गवाह कोर्ट में पेश किये गये थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर 21 गवाही पेश किये गए।

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सीबीआइ के वकील एडवोकेट एचपीएस वर्मा ने बताया कि बुधवार को कोर्ट के समक्ष सीबीआइ ने अपनी दलीलें रखीं। अब कोर्ट ने राम रहिम को 11 जनवरी के लिए कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। राम रहीम को पेश करने के लिए जेल सुपरिंटेंडेंट को कोर्ट ने निर्देश दिये हैं।

गौरतलब है कि 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर फाय¨रग की गई थी। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र छत्रपति की मौत हो गई थी। हत्या के चश्मदीद रामचंद्र के बेटे अंशुल और अदिरमन थे। जिन्होंने कोर्ट में आंखों देखी बयां की थी। इसके अलावा हत्या के षड्यंत्र के बारे में गवाह खट्टा ¨सह ने कोर्ट में बयान दिये थे। बचाव पक्ष की दलीलें थी कि राम रहीम का नाम पहली बार इस केस में साल 2007 में सामने आया था। इसके अलावा किसी भी आरोपित की पहचान नहीं हुई थी। कौन है रामचंद्र छत्रपति

ड रा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने पहले ही साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा सुना रखी है। इस मामले में रामचंद्र छत्रपति ने साध्वियों का खत अपने अखबार में प्रकाशित किया था। आरोप है कि इसी के बाद राम रहीम ने साजिश के तहत छत्रपति की हत्या कराई। रामचंद्र के बेटे अंशुल छत्रपति ने बताया कि उनके पिता रामचंद्र छत्रपति ने ही सबसे पहले साल 2002 में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखी पीड़ित साध्वी की चिट्ठी प्रकाशित की थी। इस रेप केस की जानकारी पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने पहली बार दी थी। सिरसा मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर दडबी गांव के रहने वाले रामचंद्र छत्रपति सिरसा जिले से रोजाना शाम को प्रकाशित होने वाला अखबार चलाते थे। अपने समाचार को लेकर ही उन्हें जान से मारने की धमकियां दी गई। 24 सितंबर 2002 को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए। इस बीच छत्रपति को जान से मारने की धमकियां मिलती रहीं।

न्याय के लिए बेटे ने लड़ी लंबी अदालती लड़ाई

छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपने पिता की मौत की सीबीआइ जांच की मांग की थी। जनवरी 2003 में अंशुल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सीबीआइ जांच करवाने के लिए याचिका दायर की, जिस पर हाईकोर्ट ने नवंबर 2003 में सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। अपने पैतृक गांव दडबी में खेती किसानी करने वाला अंशुल अपनी मां कुलवंत कौर, छोटे भाई अरिदमन और बहन क्रांति और श्रेयसी के साथ अपने पिता को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहा है। अंशुल ने बताया कि हमने एक ताकतवर दुश्मन के साथ इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी है और उम्मीद है कि 16 साल बाद अब हमें इंसाफ मिल जाएगा। बढ़ सकती हैं राम रहीम की मुश्किलें

इस मामले में राम रहिम के खिलाफ लगभग 16 साल तक केस चला। अब एक बार फिर राम रहीम की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है, क्योंकि उनके खिलाफ सीबीआइ द्वारा हत्या से संबंध कई तथ्य रखे गये। राम रहीम के ड्राइवर खट्टा ¨सह ने भी उसके खिलाफ ही गवाही दी थी। कोर्ट राम रहिम के खिलाफ साध्वी यौन शोषण मामले में पहले ही सजा सुना चुकी है।


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