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काग्रेस में उठी माग, नगर निगम चुनाव पार्टी निशान पर लड़ें

काग्रेस पार्टी में नगर निगम चुनाव पार्टी निशान पर लड़ने की माग तेज होने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 09:47 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 06:20 AM (IST)
काग्रेस में उठी माग, नगर निगम चुनाव पार्टी निशान पर लड़ें

राजेश मलकानिया, पंचकूला : काग्रेस पार्टी में नगर निगम चुनाव पार्टी निशान पर लड़ने की माग तेज होने लगी है। गत निकाय चुनाव में पार्टी द्वारा निशान न देने के कारण नुकसान उठाना पड़ा था, इसलिए इस बार चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी से टिकट देकर उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की माग कर रहे हैं, ताकि बागी उम्मीदवार कम हों। दरअसल काग्रेस में भी हर सीट पर टिकट के तीन से चार दावेदार हैं। 2013 में हुए नगर निगम चुनाव में भी सर्वाधिक काग्रेस समíथत जीते थे और पार्षदों के समर्थन से काग्रेस की उपिंद्र कौर आहलुवालिया मेयर बनीं थी, लेकिन कुछ सीटों पर पार्टी समíथत बहुत कम मतों से हार गए थे। जिसका मुख्य कारण वार्डो में काग्रेस विचारधारा के एक साथ ज्यादा उम्मीदवारों का मैदान में उतरना रहा था। भाजपा की नीतियों से हर वर्ग दुखी है। पंचकूला में विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं। वार्डो में लोगों को अपने कामों को करवाने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। वार्ड नंबर 8 और 9 में आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लोग काग्रेस का दामन थामने के लिए तैयार हैं। पार्टी निशान मिलेगा, तो बेहतर परिणाम होंगे।

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-सुभाष निषाद, प्रधान, काग्रेस सेवादल, पंचकूला भाजपा ने एक चक्रव्यूह रचने की कोशिश की है, ताकि काग्रेस के जीतने वाले वार्डो को तोड़ा जा सके। कहीं न कहीं भाजपा को डर सता रहा है कि वह चुनाव हार जाएगी। जनता भाजपा का सच जान चुकी है और अभी चुनाव करवा लें, पता चल जाएगा। नगर निगम में भारी घोटाले हुए हैं, जिसका खमियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। मेरा विश्वास है कि काग्रेस निशान पर अवश्य चुनाव लड़ेगी।

-रंजीता मेहता, प्रदेश काग्रेस प्रवक्ता मैं पिछले चुनाव में कुछ ही वोटों से हारा था, जिसका कारण मेरे वार्ड में और काग्रेस समर्थकों का मैदान में उतरना था। यदि पार्टी टिकट देती, तो क्लीयर सीट काग्रेस के पास होती। मेरा दावा है कि यदि इस बार पार्टी निशान पर उम्मीदवार मैदान में होंगे, तो हम सभी 20 वार्डो पर जीत दर्ज करेंगे।

-तरसेम गर्ग, जिला संयोजक, काग्रेस पार्टी सभी समीकरणों को देखती है। काग्रेस में एक सिस्टम है, जोकि सभी को फॉलो करना पड़ता है। पार्टी निशान पर लड़ाएं या नहीं, यह फैसला पार्टी हाईकमान करेगी, हमें तो जो आदेश होगा, उसका पालन करेंगे।

-उपिंद्र कौर आहलुवालिया, पूर्व मेयर पंचकूला


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