फाइलों को निपटाने की समयसीमा तय, जानें अफसर को किस फाइल को कितने दिन में निपटाना होगा
मुख्य सचिव कार्यालय ने अफसरों को तत्काल इन फाइलों को क्लीयर करने का निर्देश देते हुए सभी फाइलों को निपटाने की समयसीमा भी निर्धारित कर दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। विकास परियोजनाओं और नीतिगत फैसलों की फाइलें दबाए बैठे अफसरों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। जिलों से लेकर प्रदेश सचिवालय में लंबे समय से अटकी इन फाइलों को क्लीयरेंस नहीं मिलने से कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू नहीं हो रहा। मुख्य सचिव कार्यालय ने अफसरों को तत्काल इन फाइलों को क्लीयर करने का निर्देश देते हुए सभी फाइलों को निपटाने की समयसीमा भी निर्धारित कर दी है।
सरकार ने सभी सरकारी कार्यों को निपटाने की समयावधि तय कर रखी है। इसके बावजूद चंडीगढ़ के सेक्टर एक और सत्रह में स्थित हरियाणा सचिवालयों में काफी संख्या में फाइलें रूकी हुई हैं। शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंची तो लाल फीताशाही पर सख्ती दिखाते हुए सरकार ने फाइलों को निपटाने की समय सीमा निर्धारित कर दी है। इमीडियेट लिखी फाइलों को एक दिन और अर्जेंट लिखी फाइलों को तीन दिन में निपटाना होगा। सामान्य फाइलों पर एक्शन लेने के लिए अफसरों को पांच दिन का समय दिया गया है।
मुख्य सचिव कार्यालय ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक व मुख्य प्रशासक, मंडलायुक्त और डीसी-एसडीएम को लिखित हिदायत दी है कि एक महीने से अधिक समय से लंबित फाइलों को निपटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। फाइलें निपटाने में अगर कोई तकनीकी दिक्कत है या फिर वर्क लोड अधिक है तो दूसरे सीनियर अफसरों की मदद लें। पुरानी फाइलें निपटाने की समय सीमा खत्म होने के बाद सरकार की ओर से टीमें गठित कर सभी विभागों की जांच कराई जाएगी। अगर किसी विभाग में पुरानी फाइलें मिलती हैं तो संबंधित अफसरों से जवाब तलब करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।