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हरियाणा में पांच स्‍थानीय निकायों के वैधानिक अस्तित्व पर संकट, न चुनाव हुए और न कानून बदला

Haryana Local Bodies हरियाणा में पांच स्‍थानीय निकायों के वैधानिक अस्तित्‍व पर संकट पैदा हो गया है। इन स्‍थानीय निकायों के चुनाव हुए और न ही कानून बदला। इनके चुनाव एक साल के अंदर होने चाहिए थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 19 Nov 2022 10:13 PM (IST)Updated: Sun, 20 Nov 2022 08:49 AM (IST)
हरियाणा में पांच स्‍थानीय निकायों के वैधानिक अस्तित्व पर संकट, न चुनाव हुए और न कानून बदला
हरियाणा में पांच स्‍थानीय निकायाें में चुनाव नहीं हो पा रहे हैें। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Local Bodies: हरियाणा में पांच नगर निकायों के कानूनी अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। इनमें गृह मंत्री अनिल विज के क्षेत्र अंबाला सदर नगर परिषद के साथ ही बादली, सीवन, आदमपुर व बाढड़ा नगर पालिका शामिल हैंं। यहां पालिका गठन के एक वर्ष के अंदर चुनाव होने चाहिए थे।

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अंबाला सदर नगर परिषद और बादली, सीवन, आदमपुर व बाढड़ा नगर पालिकाओं में एक वर्ष के अंदर होने चाहिए थे चुनाव

अंबाला कैंट के शहरी क्षेत्र के लिए अंबाला सदर नगर परिषद बनाते हुए 11 सितंबर 2019 को अधिसूचना जारी की गई थी। इसी तरह पिछले साल मार्च में झज्जर में बादली नगर पालिका, जून में कैथल में सीवन नगर पालिका और हिसार में आदमपुर नगर पालिका और सितंबर 2021 में चरखी दादरी में बाढड़ा नगर पालिका बनाई गई थी।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि कानूनन नई स्थापित नगर परिषद और पालिकाओं के पहले आम चुनाव उनकी स्थापना का नोटिफिकेशन जारी होने के एक वर्ष के भीतर करवाने जरूरी हैं। उन्होंने इस संबंध में सरकार को कई बार लिखा, परंतु आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

सोनीपत नगर निगम के पहले चुनाव टालने के लिए तीन बार किया गया था नगर निगम कानून में संशोधन

चूंकि इन पालिकाओं और परिषद में निर्धारित समयावधि में चुनाव नहीं हुए हैं, इसलिए 1973 नगरपालिका कानून की धारा 12 (2 ) में हरियाणा विधानसभा द्वारा संशोधन करना जरूरी है ताकि चुनाव कराने की मौजूदा एक वर्ष की समय सीमा को आगे बढ़ाया जा सके। इससे पहले वर्ष 2020 में हरियाणा विधानसभा द्वारा हालांकि हरियाणा नगर निगम (संशोधन) कानून-2020 बनाया गया था जिसके द्वारा नए नगर निगम के पहले आम चुनाव पांच वर्ष छह महीने तक करवाए जाने का प्रविधान किया गया।

पहले यह समय सीमा पांच वर्ष थी। इसका सीधा प्रभाव जुलाई 2015 में नगर परिषद को अपग्रेड कर बनाए गए सोनीपत नगर निगम पर हुआ जहां पहले चुनाव 27 दिसंबर 2020 को कराए गए। अगर उक्त संशोधन न होता तो सोनीपत नगर निगम के पहले चुनाव जुलाई 2020 तक करवाने जरूरी थे।


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