Video Conference व Phone पर चल रही सरकार, रात को computers व laptop पर समीक्षा
सीएम मनोहर लाल नेे कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते अपनी दिनचर्या में मामूली बदलाव किया है।आइए जानते हैं उनकी दिनचर्या के बारे में।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। Corona virus effect: यह समय कोरोना से डरने का नहीं बल्कि उसके साथ पंजा लड़ाने का है... पंजा लड़ाकर कोरोना को पराजित करने का है। कोरोना के भय से आज हर किसी ने खुद को अपने घर में आइसोलेट कर रखा है। देश और प्रदेश में कई ऐसे उदाहरण हैं, जिनसे प्रेरणा लेकर हम न केवल अपने आइसोलेट के एकांतवास को खत्म कर सकते हैं, बल्कि विभिन्न यौगिक और नियमित क्रियाओं के जरिये कोरोना को परास्त कर सकते हैं। आइए, सबसे पहले जानते हैं अपने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दिनचर्या, ताकि हमें उसे जानकर कुछ नया मिल सके। 5 मई 1954 को जन्मे 65 वर्ष के मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज भी पूरी तरह फिट हैं।
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते उन्होंने अपनी दिनचर्या में मामूली बदलाव किया है। योग क्रियाएं बढ़ा दी हैं और जरूरी मीटिंग पर ही फोकस कर दिया है। उनका ज्यादातर समय अब योग साधना केंद्र के साथ ही रात को कम से कम दो घंटे कंप्यूटर व लैपटॉप पर बीत रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फोन के जरिये पूरे प्रदेश के हालात पर मुख्यमंत्री की निगाह है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में पब्लिक मीटिंग बंद हैं, लेकिन प्रशासनिक सचिवों के साथ चर्चा के दौर निरंतर जारी हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल सुबह छह बजे अपना बिस्तर छोड़ते हैं। सीएम हाउस में ही एक योगा और जिम केंद्र बना हुआ है। वहां एक स्पेशल कोच के सानिध्य में मनोहर लाल करीब एक घंटे तक योग क्रियाएं करते हैं। आजकल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने वाली यौगिक क्रियाएं ज्यादा हो रही हैं। उनका जिम करने का भी मन होता है, लेकिन कोच ने फिलहाल जिम को मना कर रखा है। योग के बाद मुख्यमंत्री दस से पंद्रह मिनट तक अपने घर के हरे घास वाले लान में पैदल सैर करते हैं।
योग क्रियाओं से फारिग होने के बाद सुबह साढ़े नौ से दस बजे के बीच मुख्यमंत्री अपने पर्सनल स्टाफ के साथ दिनभर की गतिविधियों पर चर्चा करते हैं। नाश्ते में उन्हें दही और सूखा परांठा पसंद है। कभी थोड़ा मक्खन ले लेते हैं। फ्रूट में पपीता और सेब मुख्यमंत्री को पसंद हैं। पूरे दिन में मुख्यमंत्री दो से तीन चाय पीते हैं, जबकि ग्रीन टी की संख्या इससे ज्यादा हो जाती है। इसके बाद शुरू होता है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का दौर। कुछ प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक होती है। मुख्यमंत्री किसी से आजकल बुके लेना पसंद नहीं कर रहे। प्रशासनिक सचिव भी खुद को सेनेटाइज कर मुख्यमंत्री के सामने पहुंचते हैं।
दोपहर को भोजन में उन्हें एक दाल, एक मौसमी सब्जी और दो रोटी खाना पसंद है। शाम को एक कप चाय पीने के बाद रात तो कभी दलिया तो कभी खिचड़ी और कभी खाली दूध पीकर काम चलाते हैं। मिठाई नहीं खाते। शुगर और वजन बढऩे का खतरा रहता है। इसलिए आर्गेनिक गुड़ बड़े चाव से खाते हैं। मुख्यमंत्री आवास की रसोई में साफ-सफाई का खास बंदोबस्त किया गया है।
मुख्यमंत्री के पास पहले आइपेड था, लेकिन अब वह लिनोवा के लेपटाप पर काम करते हैं। उनके कक्ष में डेस्क टाप भी है। ज्यादातर काम डेस्क टाप पर निपटाते हैं। सरकारी योजनाओं की गतिविधियां, प्रशासनिक मंजूरी और बजट के बारे में कंप्यूटर पर जांच की जाती है। लेपटाप के जरिये आवश्यक सूचनाओं का मेल, फेसबुक और ट्वीटर पर आदान प्रदान किया जाता है। रात को करीब 12 से साढ़े 12 बजे के बीच मुख्यमंत्री सोने के लिए अपने बिस्तर पर चले जाते हैं। इससे पहले कुछ अधिकारियों से फोन पर नियमित रूप से बात करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने पौने सात बजे की मनोहर लाल से फोन पर बात
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार सुबह को जब योग क्रियाएं शुरू करने वाले थे, तभी ठीक पौने सात बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके पास फोन आया। प्रधानमंत्री ने मनोहर लाल से रविवार को लगने वाले जनता कफ्र्यू की तैयारियों के बारे में जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार की पूरी तैयारी है और प्रशासनिक अमला भी जुटा हुआ है। साथ ही राज्य के लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कोरोना वायरस के खतरने से निपटने को राज्य सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों से भी अवगत कराया।
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