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रैलियों में स्कूल बसों के प्रयोग मामले में हरियाणा सरकार को अवमानना नोटिस

राजनीतिक रैलियों में निजी स्कूल बसों के प्रयोग के मामले में रिप्रेजेंटेशन पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई न किए जाने पर हरियाणा के गृह सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 13 Feb 2017 02:37 PM (IST)Updated: Mon, 13 Feb 2017 02:47 PM (IST)
रैलियों में स्कूल बसों के प्रयोग मामले में हरियाणा सरकार को अवमानना नोटिस

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा राजनीतिक रैलियों के लिए प्रदेश के निजी स्कूलों की बसें उपयोग किए जाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के गृह सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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इस संबंध में अक्टूबर में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें राजनीतिक रैलियों में निजी स्कूल बसों के प्रयोग पर रोक की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता एसोसिएशन को हरियाणा सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव और वित्तायुक्त को इस मुद्दे पर तीन हफ्ते में रिप्रेजेंटेशन देने का निर्देश दिया था। साथ ही सरकार के उक्त दोनों अधिकारियों को अधिकतम छह हफ्ते में कानून सम्मत फैसला लेने के आदेश जारी किए, लेकिन रिप्रेजेंटेशन पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके खिलाफ एक अवमानना याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट ने हरियाणा के गृह सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा द्वारा एडवोकेट पंकज मैनी के माध्यम से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि हरियाणा सरकार से संबंधित राजनीतिक दल जनता को अपनी ताकत दिखाने के लिए आयोजित की जाने वाली अपनी रैलियों के लिए जब चाहे निजी स्कूलों की बसें ले जाते हैं। तब इन स्कूली बसों का उपयोग आम लोगों को रैली स्थल तक लाने-ले जाने के लिए किया जाता है।

याचिका में कहा गया कि कई बार इन स्कूली बसों को ऐसे रैली स्थलों तक ले जाया जाता है, जिस क्षेत्र के लिए स्कूली बसों के पास परमिट भी नहीं होता। याचिका में बताया गया है कि प्रदेश की स्कूली बसों को मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के प्रावधानों के अंतर्गत हरियाणा परिवहन विभाग द्वारा परमिट जारी किए जाते हैं।

याचिका में आगे कहा गया कि रैलियों के लिए कई बार स्कूली बसों को राज्य से बाहर ले जाया जाता है। रैली के आयोजक स्कूलों की बसों और उसके स्टाफ का इस्तेमाल करते हैं। स्कूल प्रबंधकों को अपनी बसें भेजने के लिए उन पर दबाब डाला जाता है लेकिन अगर ऐसे मामले में अगर कोई स्कूली बस दुर्घटना का शिकार हो जाती है तो उसके लिए स्कूल प्रबंधन व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ठहराए जाते हैं।

इसके अलावा परमिट क्षेत्र से बाहर दुर्घटना की स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी किसी तरह का क्लेम देने को भी तैयार नहीं होती। याचिका में मांग की गई थी कि हरियाणा सरकार को राजनीतिक रैलियों के लिए स्कूली बसों का इस्तेमाल न करने के आदेश जारी किए जाएं।

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