दोस्तों संग फोटो खिंचवाती है प्रोफेसर पत्नी, कांस्टेबल पति ने क्रूरता बताकर मांग लिया तलाक
कांस्टेबल पति को शिकायत थी कि प्रोफेफर पत्नी दूसरों के साथ फोटो खिचवाती है और उनके साथ घूमने जाती है। इस पर उसने हाई कोर्ट में पत्नी से तलाक के लिए याचिका दे दी।
चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। अगर पत्नी नौकरीपेशा है और आप को उस पर विश्वास नहीं है तो इसे क्रूरता का नाम देकर तलाक नहीं मांगा जा सकता। आपको इस मामले में कुछ समझौता कर अपनी पत्नी के साथ इस तरह व्यवहार करना चाहिए जैसा कि आप उससे अपेक्षा करते हैं। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी हरियाणा के झज्जर निवासी पुलिस कांस्टेबल द्वारा प्रोफेसर पत्नी से तलाक मांगने की अर्जी को खारिज करते हुए की।
पति का आरोप था कि उसकी पत्नी बिना उसे साथ लिए अपने सहकर्मी के साथ अन्य राज्य में दौरे पर चली जाती है। फिर उनके साथ फोटो खिंचवाती है, जिसमे अन्य महिला सहकर्मी भी हैं। इस पर बेंच ने कहा कि इसे अपने खिलाफ क्रूरता कहना और फिर इसी आधार पर पत्नी से तलाक की मांग करना न सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि यह पति की संकीर्ण सोच को भी दर्शाता है।
कोर्ट ने पति के आरोपों को किया खारिज
हाई कोर्ट ने पति के उस आरोप को भी खारिज कर दिया जिसमें उसने पत्नी पर आरोप लगाया था कि वह उसे और उसके पूरे परिवार को फर्जी केसों में फंसाने की धमकी देती रहती है। हाई कोर्ट ने कहा कि पति का यह आरोप पूरी तरह से आधारहीन है क्योंकि पत्नीने कभी पति या उसके परिवार के खिलाफ कोई आपराधिक या अन्य शिकायत दर्ज ही नहीं कराई है।
कोर्ट ने कहा, पति को विवाह करने से पहले ही पता था कि पत्नी नौकरीपेशा है
जस्टिस राजन गुप्ता एवं जस्टिस मंजरी नेहरू कॉल की खंडपीठ ने पत्नी द्वारा फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि जब पति को विवाह से पहले ही पता था कि उसकी पत्नी एक नौकरीपेशा महिला है और एक कॉलेज में प्रोफेसर है। ऐसे में तो उसे पहले ही अपने आप को इसके लिए एडजेस्ट करना चाहिए था। पति को पता होना चाहिए था कि अपनी नौकरी के चलते पत्नी को अन्य जगह छात्रों और अपने सहकर्मी के साथ जाना होता है। ऐसे में पति कहे कि पत्नी उसे इन दौरों में साथ नहीं ले जाती, यह उसके साथ क्रूरता है तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
मामला क्या है
झज्जर निवासी पुलिस कांस्टेबल ने अपनी कालेज प्रोफेसर पत्नी से फैमली कोर्ट से तलाक का आदेश ले लिया था। पत्नी ने तलाक के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने तलाक के फैसले को रद करते हुए कहा कि फैमली कोर्ट ने इस मामले में सही तथ्यों को नहीं देखा और पति के अविश्वास का खामियाजा पत्नी को नहीं दिया जा सकता। इसलिए यह तलाक का फैसला सही नहीं है।
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