Haryana Local Body Election: कांग्रेस पार्टी सिंबल पर लड़ेगी रेवाड़ी नगर परिषद के चेयरमैन चुनाव
Haryana Local Body Election हरियाणा कांग्रेस हरियाणा नगर निगम चुनाव के साथ-साथ रेवाड़ी नगर परिषद के चेयरमैन का चुनाव भी अपने पार्टी सिंबल पर लड़ेगी। बरोदा सीट के उपचुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनाव पूरी गंभीरता से लड़ना चाहती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Local Body Election: हरियाणा कांग्रेस बरोदा विधानसभा सीट के उपचुनाव में जीत से उत्साहित है और अब वह स्थानीय निकाय चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगी। पार्टी ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी व वरिष्ठ नेताओं की बैठक में चर्चा के बाद इसको लेकर रणनीति तैयार की है। पार्टी में अंबाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगम के मेयर व पार्षदों के साथ ही रेवाड़ी नगर परिषद के चेयरमैन के लिए भी अपना उम्मीदवार उतारेगी।
कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दों को बनाएगी आधार
बरोदा उपचुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को आधार बनाते हुए निकाय चुनाव के रण में उतरने की रणनीति तैयार की है। हरियाणा कांग्रेस की प्रधान कुमारी सैलजा ने कहा कि रेवाड़ी नगर परिषद के चेयरमैन का चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल, विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता विधायक किरण चौधरी से चर्चा के बाद फैसला किया है।
कुमारी सैलजा ने किया बरोदा उपचुनाव के नतीजे दोहराने का दावा
कुमारी सैलजा ने कहा कि स्थानीय चुनावों के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार है। मौजूदा भाजपा-जजपा सरकार से आमजन पूरी तरह से हताश, निराश और दुखी हो चुकी है। सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। उन्होंने कहा कि जजपा का साथ होने और सत्ता के दुरुपयोग से लेकर तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद भाजपा को बरोदा उपचुनाव में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इन चुनावों में भी जनता गठबंधन सरकार को आईना दिखाएगी।
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कुमारी सैलजा ने कहा कि जजपा ने चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ वोट मांगे थे। जजपा को भाजपा के खिलाफ 10 सीटें मिली थी, लेकिन चुनाव बाद जजपा ने भाजपा के साथ सरकार बना ली। जजपा स्पष्ट करे कि वह किसानों के साथ है या इन्हें केवल सत्ता की चिंता है। जजपा, निर्दलीय और भाजपा के विधायक, जो किसानों के साथ हैं उन्हें स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और इस सरकार से बाहर आना चाहिए। आज किसान और मजदूर का सवाल है। इन विधायकों को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और सरकार से बाहर आना चाहिए।
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