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आचार संहिता में फंसा चेन डोजर, कंपेक्टर और मिट्टी डालने का काम

लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 08:35 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 08:35 PM (IST)
आचार संहिता में फंसा चेन डोजर, कंपेक्टर और मिट्टी डालने का काम

राजेश मलकानियां, पंचकूला : चुनाव आचार संहिता के चलते कई महत्वपूर्ण काम ठंडे बस्ते में पड़ गए हैं और लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। डंपिग ग्राउंड जिससे घग्गर पार सेक्टरों के लोग बहुत परेशान हैं, उनके लिए यह चुनाव और भी बड़ी परेशानी लेकर आ गया है। डंपिग ग्राउंड में मिट्टी डालने का काम पूरी तरह बंद पड़ा है। चेन डोजर डीसी रेट पर चल रहा है और कंपेक्टर न होने के कारण कूड़े के ढेर लगातार ऊंचे होते जा रहे हैं। नगर निगम द्वारा मिट्टी डालने के काम का टेंडर चुनाव की घोषणा होने से पूर्व नहीं लगाने के चलते लोगों की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही है। अब नगर निगम द्वारा डायरेक्टर ऑफिस में चिट्ठी लिखी गई है, जिसके बाद चुनाव आयोग से इजाजत ली जाएगी। चुनाव आयोग से परमिशन मिलने के बाद मिट्टी डालने के काम का टेंडर अलॉट किया जा सकेगा। डीसी ने किया परमिशन से इन्कार

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नगर निगम द्वारा मिट्टी डालने के टेंडर की इजाजत जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला उपायुक्त के पास पत्र लिखकर मांगी गई थी। परंतु डीसी ने पत्र वापस भेजकर डायरेक्टर ऑफिसर से परमिशन मांगने को कहा था। अब निगम द्वारा डायरेक्ट्रेट ऑफिस को पत्र लिखा गया है, जहां से चुनाव आयोग को पत्र भेजा जाएगा। आयोग से परमिशन मिलने के बाद ही मिट्टी डालने का काम शुरू हो पाएगा। रोजाना 20 ट्राली गिरती थी कचरे की

पुराने टेंडर के मुताबिक रोजाना डंपिग ग्राउंड में 20 ट्राली मिट्टी डाली जाती थी। कूड़ा डालने के कारण मिट्टी की लेयर बिछाकर उसे समतल किया जाता है। 19 लाख रुपये का 6 महीने के लिए टेंडर किया जाना है। पूरे शहर, पिजौर, कालका से लगभग रोजाना 200 टन कूड़ा आता है। अब जो मिट्टी की लेयर पहले डाली गई थी, वह अब पूरी तरह दब चुकी है। इसके अलावा जो चेन डोजर उसका टेंडर भी किया जाना है। इस समय 1980 रुपये प्रति घंटा डीसी रेट पर चेन डोजर चल रहा है। चेन डोजर कूड़े को समतल करता है। इसके अलावा एक कंपेक्टर भी लगाया जाना है, जोकि कूड़े और मिट्टी को नीचे दबाता है। दिखावे के लिए कागजों में छिड़का जा रहा स्प्रे

सेक्टर-23 के डंपिग ग्राउंड को लेकर लोगों में भारी रोष है। घग्गर पार सेक्टरों में रहने वाले लोगों ने नगर निगम पर आरोप लगाया है कि जब इसे मेनटेन करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से नियम बनाए गए हैं, तो उन नॉ‌र्म्स के मुताबिक काम क्यों नहीं हो पा रहे। सेक्टर-26 के कर्नल रिटायर्ड एचएस गुलेरिया ने बताया कि नियमों के मुताबिक डंपिग ग्राउंड में जब कूड़ा गिराया जाता है, तो उसे सबसे पहले बुलडोजर से लेवलिग करना होता है। उसके बाद मिट्टी डालने के बाद उस पर पॉलीथिन से लेयर को ढकना होता है और उसके बाद यहां बीमारियों और बदबू को नष्ट करने के लिए स्प्रे भी किया जाना होता है। लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है और सिर्फ कागजों में दिखाने के लिए काम किया जा रहा है। नगर निगम को चाहिए कि लोगों की ओर से भी वह सोचे और उनकी प्रॉब्लम को अपनी समझकर काम करे, जिसके बाद ही यहां डंपिग ग्राउंड से लोगों को होने वाली दिक्कतों से कुछ हद तक राहत मिल सकेगी। बरसात के बाद घरों में बदबू

पिछले दिनों हुई बरसात के बाद लोगों को काफी परेशानी हो रही है। लोगों ने कहा कि कुछ दिन पहले पंचकूला में बरसात हुई है, डंपिग ग्राउंड में प्रॉपर मेंटेनेंस भी नहीं हो रही। जब एनजीटी ने भी इसे मेनटेन करने के लिए निर्देश हैं, तो उसमें भी क्यों लापरवाही बरती जा रही है। बरसात के बाद बदबू भी ज्यादा हो गई है और कुछ दिनों से अब कूड़ा ले जाने वालों ने भी मना कर दिया और यही बोल रहे हैं कि डंपिग ग्राउंड में रेहडि़यां नहीं ले जाने दे रहे, जिसके कारण वह भी कूड़ा नहीं ले जा रहे। कमिश्नर पहले ही दे चुके हैं नोटिस

आरडब्ल्यूए सेक्टर-26 के प्रतिनिधि इस मामले में नगर निगम कमिश्नर को भी मिले थे। जिसके बाद कमिश्नर राजेश जोगपाल ने चीफ सेनेटरी ऑफिसर को शोकॉज नोटिस दिया था। नगर निगम द्वारा डंपिग ग्राउंड में मिट्टी डालने के कारण टेंडर करने के लिए डायरेक्ट्रेट ऑफिस को चिट्ठी लिखी गई है। जहां से पत्र को चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। यह काम जनता से जुड़ा हुआ है और यदि परमिशन नहीं मिली, तो लोगों को परेशानी अधिक होगी, इसलिए चुनाव आयोग से टेंडर करने की इजाजत मांगी है। साथ ही चेन डोजर एवं कंपेक्टर के लिए भी टेंडर कॉल किए जाने हैं।

-जरनैल सिंह, कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम, पंचकूला


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