Move to Jagran APP

नगर निगम पर संशय बरकरार, सीएम में बोले कैबिनेट में होगा फैसला

राजेश मलकानियां, पंचकूला नगर निगम पंचकूला चुनावों में महीने शेष हैं। संभावना जताई जा

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 03:02 AM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 03:02 AM (IST)
नगर निगम पर संशय बरकरार, सीएम में बोले कैबिनेट में होगा फैसला
नगर निगम पर संशय बरकरार, सीएम में बोले कैबिनेट में होगा फैसला

राजेश मलकानियां, पंचकूला

loksabha election banner

नगर निगम पंचकूला चुनावों में महीने शेष हैं। संभावना जताई जा रही है कि नगर निगम को भंग कर दोबारा से नगर परिषद बनाया जा सकता है। अधिकांश भाजपा नेता और कार्यकत्र्ता नगर परिषद के हक में हैं, क्योंकि छोटे वार्डो में जीत निश्चित करने में आसानी होती है। लेकिन इस पर अभी संशय बरकरार है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने शनिवार को एक बार फिर से भाजपाइयों की उम्मीदों को कुछ ओर समय के लिए यह कहकर लटका दिया कि पंचकूला नगर निगम पर फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। नगर निगम के खिलाफ भाजपा की कालका से विधायक लतिका शर्मा ने सीएम को पहले ही ज्ञापन दिया था। पंचकूला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता भी बंद लिफाफे में अपनी राय सीएम को दे चुके हैं।

योग्य उम्मीदवारों की तलाश शुरू

आगामी चुनावों में भाजपा, काग्रेस और इनेलो की ओर से योग्य उम्मीदवारों की तलाश भी शुरु कर दी गई है, ताकि ऐन मौके पर टिकटों के बंटवारे को लेकर खींचतान ना हो। लोकल चुनाव भाजपा की नाक का सवाल हैं, क्योंकि भाजपा की जीत या हार ही आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों की रुपरेखा तैयार कर देंगे। इसलिए भाजपा चाहती है कि कोई ऐसी गलती ना हो जाए, जिससे उन्हे स्थानीय चुनावों में हार का मुंह देखना पड़े। यदि नगर निगम को भंग कर परिषद बना दी गई, तो फिर से वार्डबंदी होगी, क्योंकि कई ऐसे वार्ड हैं, जहा पर भाजपा के पास सशक्त उम्मीदवार हैं। लेकिन वार्ड आरक्षण होने पर आरक्षित वर्ग में योग्य उम्मीदवार नहीं है, इसलिए भाजपा की कोशिश रहेगी कि ऐसे वार्डो का आरक्षण न हो जहां उनके उम्मीदवार की राह आसान न हो सके।

वार्डबंदी शुरू हुई तो एक साल टल जाएंगे चुनाव

दोबारा वार्डबंदी शुरु हुई, तो एक बात तय है कि यह चुनाव एक साल तक टल जाएंगे। नगर निगम में इस समय काग्रेस की मेयर हैं और अधिकतर पार्षद भी काग्रेस की पृष्ठभूमि के हैं। भाजपा के केवल तीन ही पार्षद हैं, जिनमें से एक कृष्ण लाबा विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा काग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे, जबकि वार्ड नंबर 13 के पार्षद रविकांत स्वामी को भाजपा पार्टी से निलंबित कर चुकी है। काग्रेस ने निगम चुनाव निशान पर नहीं लड़ा था, फिर भी उसके कई उम्मीदवार जीते थे। परंतु कुछ वार्डो में कई कांगेसियों के खड़े होने से सीट हाथ से निकल गई। इनेलो भी सक्रिय कार्यकत्र्ताओं को चुनाव मैदान में उतारेगी।

फंड को लेकर पंगा

नगर निगम को केंद्र से करोड़ों रुपये के फंड मिलते है, जोकि नगर परिषदों को नहीं मिल पाते। विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने बिना सोचे समझे पंचकूला को नगर निगम बना दिया था, जिसका उद्देश्य केवल पिंजौर के बड़े बिल्डरों को फायदा पहुंचाना था। उन्होंने कहा कि शहर की डेवलेपमेंट ठप पड़ी थी, जोकि अब गति पकड़ रही है। मैंने अपनी राय सीएम को दे दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.