CM सिटी अब Garbage free city भी, करनाल को मिली 3 star ranking, रोहतक को वन स्टार
सीएम सिटी करनाल अब गारबेज फ्री सिटी भी है। कूड़ा मुक्त सर्वे में सीएम सिटी करनाल को थ्री स्टार रैकिंग मिली है जबकि रोहतक को वन स्टार मिला है।
जेएनएन, नई दिल्ली/करनाल। देशभर के कूड़ा मुक्त शहरों (Garbage free cities) में हरियाणा इस बार भी बुरी तरह पिछड़ गया है। राज्य में सीएम सिटी करनाल को कूड़ा मुक्त सर्वे में थ्री स्टार तो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृहक्षेत्र रोहतक शहर को वन स्टार का तमगा मिला है। हरियाणा में कुल दस नगर निगम हैं मगर करनाल, रोहतक को छोड़ दें तो बकाया आठ नगर निगम सर्वे में कहीं दिखाई नहीं दिए।
अक्टूबर 2019 में हुए सर्वे के दौरान राज्य के सभी दस नगर निगम क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चलाए गए थे मगर करनाल, रोहतक को छोड़कर ये अभियान पूरी तरह फ्लाप हुए। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के गृह क्षेत्र अंबाला का भी सफाई के मामले में कोई स्थान नहीं रहा। सर्वे के नतीजों पर जाएं तो राज्य के बड़े औद्योगिक एवं व्यापारिक शहर फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत तक कूड़े के ढेर पर बसे हैं। इसके अलावा यमुनानगर, हिसार,सोनीपत नगर निगम भी सफाई के मामले में पिछड़ गया।
चंडीगढ़ को इस सर्वे में थ्री स्टार मिला है, मगर चंडीगढ़ के साथ लगते हरियाणा के शहर पंचकूला सर्वे में कहीं अपना स्थान नहीं बना पाया। मंगलवार को आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने देशभर में कूड़ा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग घोषित की। करनाल मार्च 2019 के सर्वे में भी थ्री स्टार रैकिंग पर ही रहा था।
कचरा मुक्ति में थ्री स्टार के साथ राष्ट्रीय फलक पर छाई सीएम सिटी
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में देश के टॉप टेन शहरों में शुमार होने के लक्ष्य की ओर सीएम सिटी ने मजबूती से कदम आगे बढ़ा दिए हैं। पहले ओडीएफ प्लस-प्लस परीक्षा पास करने के बाद अब कचरा मुक्त स्टार रेटिंग शहरों की श्रेणी में भी करनाल ने राष्ट्रीय फलक पर स्थान बनाने वाला प्रदर्शन किया है। करनाल को चंडीगढ़ व नई दिल्ली के बराबर थ्री स्टार दर्जा मिला है। प्रदेश में सबसे बेहतरीन होने के साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण की पिछले साल की 24वीं रैंकिंग में सुधार करते हुए टॉप टेन में आने की उम्मीद प्रबल कर रहा है। कचरा मुक्त शहरों की रेटिंग में थ्री स्टार हासिल करने वाला करनाल प्रदेश का इकलौता शहर बना है। रोहतक वन स्टार के साथ दूसरे स्थान पर है।
दरअसल स्वच्छता के लिहाज से सीएम सिटी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास तीन साल पहले शुरू हो गए थे। सतत प्रयासों का नतीजा रहा कि लगातार करनाल स्वच्छता के पायदान पर आगे बढ़ता चला गया। 2018 में स्वच्छ सर्वेक्षण में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में करनाल देश भर में 41वें पायदान पर आया था। जिला प्रशासन, नगर निगम, शहर की सामाजिक संस्थाओं व शहरवासियों ने इस रैंकिंग में सुधार कर संकल्प लिया। इसी का नतीजा रहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के तहत केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय की टीमों ने देश के अलग- अलग राज्यों के 4,237 शहरों में सर्वे के बाद नतीजा जारी किया और 17 अंक के सुधार के साथ करनाल 24वें रैंक पर आया।
करनाल को कचरा निस्तारण में प्रदेश में पहला स्थान मिला। इसके बाद करनाल को स्वच्छता की टॉप टेन रैंकिंग में शामिल करने का प्रण लिया गया और अब कचरा मुक्त शहरों की रेङ्क्षटग में करनाल को तीन सितारे मिले हैं, जो उसे स्वच्छता व सुंदरता के लिए विख्यात चंडीगढ़ के बराबर ला खड़ा करते हैं। उप नगर निगम आयुक्त धीरज कुमार के अनुसार जनवरी माह में शहरी विकास मंत्रालय की टीम ने चार दिन तक कचरा मुक्ति रेङ्क्षटग के लिए शहर में सर्वे किया था। इसका परिणाम मार्च माह में आना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से परिणाम आने में देरी हुई है। अब जल्द ही ही स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का परिणाम आने की उम्मीद है।
सफाई के योद्धाओं ने दिलाया सम्मान
स्वच्छता में कर्णनगरी को अग्रिम स्थान दिलाने में सफाई के योद्धाओं का अहम योगदान रहा है। शहर के कॉर्मशियल एरिया को पूरी तरह कचरा मुक्त करने में इन योद्धाओं ने पूरी लगन व मेहनत से काम किया। करनाल निगम में 1230 सफाई कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों ने शहर की सुंदरता को बढ़ाने और उसे कचरा मुक्त करने के लिए शिद्दत से काम किया। उप नगर निगम आयुक्त धीरज कुमार ने भी इस उपलब्धि का मुख्य श्रेय सफाई के महायोद्धाओं को ही दिया।