छत्रपति हत्याकांड: गुरमीत राम रहीम को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनाई जा सकती है सजा
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के हत्यारे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा पर फैसला वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनाया जा सकता है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के हत्यारे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा पर फैसला वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनाया जा सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार मंगलवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में अर्जी लगाएगी। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत को पंचकूला में पेश करने से कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है। इसी तरह अगर सुनारिया जेल में विशेष अदालत लगाई जाती है तो तीन आरोपितों को सुनारिया लेकर जाने में कई तरह की दिक्कतें आएंगी।
इससे पहले सरकार की गुजारिश पर ही सीबीआइ की विशेष अदालत ने गुरमीत को दोषी ठहराते वक्त उसे पंचकूला में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी थी। जज जगदीप सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर उसे हत्या का दोषी करार दिया। अब सजा पर फैसला 17 जनवरी को होना है जिसके लिए गुरमीत सहित चारों दोषियों को अदालत में उपस्थित होना होगा।
सोमवार को गृह सचिव एसएस प्रसाद की अगुवाई में अधिकारियों की मैराथन बैठक हुई। तमाम अफसरों की राय यही थी कि वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही सजा पर फैसला सुनाया जाए। इस दौरान रोहतक में कोर्ट लगाने की संभावना पर भी चर्चा हुई, लेकिन इसके लिए भी तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को अंबाला सेंट्रल जेल से सुनारिया लेकर जाना पड़ेगा। ऐसे में सभी ने विशेष अदालत को सुनारिया ले जाने की जगह वीडियो कांफ्रेंसिंग का विकल्प चुना।
बता दें कि 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में साध्वी यौनशोषण मामले में राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद बड़ी हिंसा हुई थी। आगजनी में 42 लोगों की मौत हुई और करोड़ों की संपत्ति राख हो गई। इसी के चलते तब 28 अगस्त को सीबीआइ की विशेष अदालत सुनारिया जेल में लगाई गई और जज जगदीप सिंह ने सुनारियां जेल पहुंच कर राम रहीम को सजा सुनाई।
कानून व्यवस्था खराब नहीं होने देंगे
गृह सचिव एसएस प्रसाद का कहना है कि गुरमीत को सजा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की मांग को लेकर हम मंगलवार को अदालत में अर्जी देंगे। सुनारिया जेल में भी विशेष अदालत लगाने पर विचार हुआ, लेकिन इसमें कई तरह की दिक्कतें हैं। डेरामुखी को सजा पर फैसले के दौरान किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब नहीं होने देंगे। हमने सभी तरह की तैयारी कर रखी है और अदालत का जो भी फैसला आया, उसे लागू कराया जाएगा।