Move to Jagran APP

निजी बसों पर सरकार के बदले रुख को कर्मचारियों ने बनाया हथियार, मुकदमे वापस लेेेेने का भी दबाव

किलोमीटर स्कीम के तहत 700 निजी बसें चलाने को लेकर सरकार के बदले रुख को कर्मचारी संगठनों ने हथियार बना लिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 11:34 AM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 08:58 AM (IST)
निजी बसों पर सरकार के बदले रुख को कर्मचारियों ने बनाया हथियार, मुकदमे वापस लेेेेने का भी दबाव

जेएनएन, चंडीगढ़। किलोमीटर स्कीम के तहत 700 निजी बसें चलाने को लेकर सरकार के बदले रुख को कर्मचारी संगठनों ने हथियार बना लिया है। रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी और सर्व कर्मचारी संघ ने बिना शर्त इस योजना को रद कर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआइ या हाई कोर्ट के सीटिंग जज से कराने की मांग की है। पिछले साल 18 दिन चली हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का दबाव भी बढ़ा दिया।

loksabha election banner

परिवहन विभाग ने किलोमीटर स्कीम के तहत अनुबंधित सभी 49 ट्रांसपोर्टरों को 510 बसों की धरोहर राशि (ईएमडी) वापस लेने का प्रस्ताव दिया है। इसे अपने पक्ष में भुनाते हुए सर्व कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि पूरे मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है जिसकी जांच स्टेट विजिलेंस से कराना रस्म अदायगी से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा, प्रदेश प्रवक्ता इंद्र सिंह बधाना व हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने कहा कि 510 निजी बसों की तुलना में 190 बसों के रेट में 26 रुपये प्रति किलोमीटर का भारी अंतर भ्रष्टाचार की सारी कहानी खुद बयां करता है। सुभाष लांबा ने बताया कि पिछले साल किलोमीटर स्कीम के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों की 18 दिन की हड़ताल के दौरान 1974 कर्मचारियों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे।

एस्मा के तहत 318 कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई और 567 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। प्रोबेशन पीरियड पर चल रहे 73 व ठेके पर भर्ती 194 कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए 318 कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया था जो बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर ड्यूटी पर लिए गए।

उन्होंने कहा कि आज भी अंबाला में राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना सहित पांच कर्मचारी नेताओं व भिवानी में वरिष्ठ उप प्रधान नरेंद्र दिनोद तथा ओमप्रकाश ग्रेवाल को बदले की भावना से अफसरों ने निलंबित किया हुआ है। ओवरटाइम खत्म करके व ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का रात्रि ठहराव बंद कर कर्मचारियों व जनता को परेशान किया जा रहा है। अगर बदले की भावना से की जा रही दमनात्मक कार्रवाई वापस नहीं हुई तो कर्मचारी फिर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.