प्लाट अावंटन मामले में हुड्डा व छतर सिंह से सीबीआइ पूछताछ
सीअीआइ ने पंचकूला के प्लॉट आवंटन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर शिकंजा कस दिया है। सीबीआइ ने हुड्डा व उनके पूर्व प्रधान सचिव छतर सिंह से पूछताछ की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के पंचकूला में 14 इंडस्ट्रीयल प्लॉट आवंटन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर शिकंजा कस गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके तत्कालीन प्रधान सचिव छतर सिंह से पूछताछ की है।
इन प्लॉटों के आवंटन के समय हुड्डा मुख्यमंत्री के साथ-साथ हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के चेयरमैन भी थे। उनके निर्देश पर ही तत्कालीन प्रधान सचिव छतर सिंह ने प्लॉट आवंटन के आदेश जारी किए थे। छतर सिंह फिलहाल केंद्रीय लोकसेवा आयोग में सदस्य हैं। इस मामले की जांच हरियाणा सरकार ने सीबीअाइ को सौंपी थी।
पंचकूला में इंडस्ट्रीयल प्लॉट आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए पहले विजिलेंस जांच की गई थी। विजिलेंस की सिफारिश पर मनोहर सरकार ने इस केस को सीबीआइ के हवाले कर दिया। मनोहर सरकार की सिफारिश के आधार पर सीबीआइ ने हुडा चेयरमैन के नाते भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआइआर दर्ज की और सोमवार को हुड्डा व छतर सिंह से पूछताछ की। सीबीआइ प्रवक्ता आरके गौड़ ने हुड्डा से पूछताछ किए जाने की पुष्टि की है।
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गौरतलब है कि हुड्डा पर इंडस्ट्रीयल प्लॉट आवंटन मामले में अपने चहेतों को प्लॉट आवंटित करने के आरोप लगे थे। यह मामला कई बार विधानसभा में भी उठ चुका है। हुड्डा सफाई दे चुके कि उन्होंने प्लॉट आवंटन में कहीं कोई अनियमितता नहीं बरती और भाजपा सरकार दुर्भावना से प्रेरित होकर जांच करा रही है।
हुड्डा के इस आरोप के बाद वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला उन पर पलटवार कर चुके हैं। कैप्टन और बराला का कहना है कि यदि हुड्डा ने कोई गलती नहीं की तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि हुड्डा पर चार अलग-अलग मामलों में सीबीआइ जांच चल रही हैं। हुड्डा पिछले कुछ दिनों से सरकार पर दुर्भावना से प्रेरित होकर जांच कराने के आरोप लगाने के साथ ही जेल जाने के लिए अपना सूटकेस तैयार होने की बात कह रहे हैं।
महाधिवक्ता की राय भी रही अहम
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से भी सरकार ने पंचकूला प्लॉट आवंटन मामले में राय मांगी थी। महाजन ने 12 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में सीबीआइ से जांच कराने की सिफाारिश की थी। महाधिवक्ता का तर्क था कि प्लॉटों की अलॉटमेंट में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। ऐसे साक्ष्य पाए गए हैं जो साफ संकेत देते हैं कि करीबियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ही प्लॉट आवंटन हुआ है।
इन्हें हुआ था प्लाटों का आवंटन
रेणु हुड्डा - हुड्डा के भतीजे की पत्नी
प्रदीप कुमार - हुड्डा के पूर्व सचिव के पुत्र
मोना बेरी - हुड्डा के पूर्व कार्यकारी अधिकारी की पुत्रवधू
डॉ. गणेशदत्त रत्तन - हुड्डा के करीबी मित्र
अशोक वर्मा - हुड्डा के मित्र
नंदिता हुड्डा - पूर्व एएजी की पत्नी
मनोज कौर - हाई कोर्ट के पूर्व जज की पुत्रवधु
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कंवरप्रीत सिंह - कुरुक्षेत्र विवि के पूर्व वीसी के परिवारिक सदस्य
डागर कत्याल - पूर्व डीएजी कटियाल के परिवारिक सदस्य
अमन गुप्ता - पूर्व कांग्रेस विधायक रमेश गुप्ता के पुत्र
ओपी दहिया - कांग्रेस विधायक करण दलाल के रिश्तेदार
सिद्धार्थ भारद्वाज - पूर्व विधायक के रिश्तेदार
अशोक वर्मा - अशोक काका का रिश्तेदार