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हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र कल, दुष्यंत होंगे सदन के नेता, संचालन करेंगे डिप्टी स्पीकर गंगवा

हरियाणा विधानसभा का मानसून पत्र कल यानी बुधवार को होगा। इस दौरान सदन की कार्यवाही का नेतृत्व दुष्यंत व सदन का संचालन डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के हाथों में रहेगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 03:20 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 04:38 PM (IST)
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र कल, दुष्यंत होंगे सदन के नेता, संचालन करेंगे डिप्टी स्पीकर गंगवा
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र कल, दुष्यंत होंगे सदन के नेता, संचालन करेंगे डिप्टी स्पीकर गंगवा

जेएनएन, चंडीगढ़। विधानसभा में इंट्री के लिए विधायकों का कोरोना टेस्ट उनके गले की फांस बन गया है। 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा समेत सात विधायक कोरोना पॉजीटिव आ चुके हैं। 20 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने या तो टेस्ट नहीं कराया या फिर उनके टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तीन बार कोरोना टेस्ट करा चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की गैर मौजूदगी में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सदन के नेता के रूप में विधानसभा की कार्यवाही का नेतृत्व करेंगे, जबकि संचालन डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के हाथों में रहेगा।

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विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार दोपहर दो बजे से शुरू होगा। सत्र शुरू होने से पहले सुबह 11 बजे विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होनी है, जिसमें डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा और विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल होंगे।

इस बैठक में सत्र की अवधि तय होगी, जो मात्र एक दिन की रहने की संभावना है। जिन विधायकों ने अपने कोरोना टेस्ट नहीं कराए हैं, उनके सदन में आने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में सदन की कार्यवाही सिर्फ एक दिन के लिए बुधवार को ही चलाई जा सकती है। इससे छह माह के भीतर सत्र बुलाने की अनिवार्यता का अनुपालन भी हो सकेगा तथा विधानसभा की कार्यवाही भी लंबी चलने से बच सकेगी। आज सदन का कार्यवाही के संबंध में हरियाणा विधानसभा का मानसून पत्र कल यानी बुधवार को होगा। इस दौरान सदन की कार्यवाही को लेकर डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने पत्रकारों से बातचीत की।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहले पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज के लिए ले जाया गया था, लेकिन वहां से उन्हें मेदांता गुरुग्राम भेजा गया। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का इलाज भी मेदांता में चलेगा। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सदन की कार्यवाही को चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सत्र से एक दिन पहले दुष्यंत चंडीगढ़ पहुंचे और आते ही उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत कर भविष्य की योजनाों की जानकारी दी।

मंगलवार शाम तक विधानसभा में पहुंचे रिकार्ड के मुताबिक 70 ही विधायकों के द्वारा ही कोरोना टेस्ट कराने का उल्लेख है। इनमें से भी चार विधायकों असंध से शमशेर सिंह गोगी, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर व नूंह से आफताब अहमद की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल, रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा, पानीपत ग्रामीण के विधायक महीपाल सिंह ढांडा और इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप कोरोना पॉजीटिव हैं।

अनिल विज के सुझाव पर टल गया संक्रमण फैलने का बड़ा खतरा

स्वास्थ्य व गृह मंत्री अनिल विज ने स्पीकर ज्ञानंचद गुप्ता को यह सुझाव दिया था कि सत्र में इंट्री के लिए विधायकों व मंत्रियों के साथ-साथ अधिकारियों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया जाए। विज के इस सुझाव में सारे विधायकों को न चाहते हुए भी अपना कोरोना टेस्ट कराना पड़ गया है। यदि विधायक टेस्ट नहीं कराते तो जनता के संपर्क में आने पर संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता।

थानेसर के विधायक सुभाष सुधा की रिपोर्ट पहले ही पॉजिटिव आ चुकी है। अब वे ठीक हो चुके हैं, लेकिन दोबारा सुधा ने अपना कोरोना टेस्ट नहीं करवाया है। हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह भी संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी भी संक्रमित हैं। करनाल के सांसद संजय भाटिया ने डॉक्टरों की सलाह पर खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने पोती के संक्रमित होने के बाद खुद को आइसोलेट किया है। प्रदीप चौधरी की खुद की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के बेटे को भी संक्रमण है।

कुलदीप, अभय, संदीप सिंह और अनूप धानक समेत 20 विधायकों की रिपोर्ट नहीं आई

अभी तक जिन 20 विधायकों की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट विधानसभा नहीं पहुंची है, इनमें डिप्टी सीएम व उचाना से विधायक दुष्यंत सिंह चौटाला व पिहोवा से खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह शामिल हैं। हालांकि इससे पहले दुष्यंत तीन बार अपना टेस्ट करवा चुके हैं और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन विधानसभा में इंट्री के लिए उन्हें फिर से टेस्ट करवाना होगा।

इसी तरह से मुलाना से वरुण चौधरी, नारायणगढ़ से शैली चौधरी, बवानीखेड़ा से बिशंभर सिंह वाल्मीकि, तोशाम से किरण चौधरी, आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई, नारनौंद से रामकुमार गौतम, उकलाना से राज्य मंत्री अनूप धानक, जींद से डॉ़ कृष्ण मिढ्ढा, जुलाना से अमरजीत सिंह ढांडा, नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा, सफीदों से सुभाष गंगोली, लाडवा से मेवा सिंह, शाहबाद से रामकरण काला, थानेसर से सुभाष सुधा, रोहतक से भारत भूषण बतरा, ऐलनाबाद से अभय सिंह चौटाला, सिरसा से गोपाल कांडा और सढ़ौरा से कांग्रेस विधायक रेणु बाला की कोविड-19 रिपोर्ट अभी तक विधानसभा नहीं पहुंची है। किरण चौधरी के मामा की बेटी का देहावसान हो गया है, इसलिए वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगी।  


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