नौकरियों के मुद्दे पर विरोधियों को चित्त करने की तैयारी में भाजपा
हरियाणा में भाजपा नौकरियों के मुद्दे पर विरोधी दलों को घेरने और चित करने की तैयारी में है। इसके लिए मनोहर सरकार और हरियाणा भाजपा नौकरी पाने वाले युवाओं का जरिया बनाएगी।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की भाजपा सरकार अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में दी गई सरकारी नौकरियों पर विपक्ष को चित्त करने की तैयारी में है। भाजपा सरकार और संगठन के प्रतिनिधि अब उन सभी युवाओं के घर का दरवाजा खटखटाएंगे, जिन्होंने अपनी मेहनत के बूते राजनीतिक सिफारिश के बिना सरकारी नौकरी हासिल की है।
साढ़े तीन साल के कार्यकाल में दी गई नौकरियों को कैश करेगी पार्टी और सरकार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी पार्टी के सभी विधायकों, मंत्रियों और भाजपा जिलाध्यक्षों से कहा है कि वे उन युवाओं के घर जाएंं, जिन्हें सरकारी नौकरी मिली है। ऐसे युवाओं का उनके घर और सार्वजनिक स्थानों पर अभिनंदन किया जाए।
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भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों और जिलाध्यक्षों का इस काम में सहयोग करेंगे। सरकारी नौकरियां हासिल करने वाले युवाओं का भरोसा जीतकर भाजपा ने पहली लड़ाई तो जीत ली, अब इन युवाओं की विचारधारा के जरिए पार्टी और सरकार उन युवाओं में भी संदेश देना चाहती है, जो बरसों से सरकारी नौकरियां हासिल करने की लाइन में लगे हुए हैं और अभी तक उन्हें सिफारिश के लिए राजनेताओं के यहां चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
मंत्री, विधायक और जिलाध्यक्ष सरकारी नौकरी में चयनित युवाओं के घर जाकर करेंगे सम्मान
हरियाणा सरकार ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में करीब 52 हजार पदों पर नौकरियां निकाली हैं। इनमें से 30 हजार से अधिक पदों पर ज्वाइनिंग हो चुकी है और बाकी पदों पर ज्वाइनिंग की प्रक्रिया चल रही है। करीब 12 हजार नौकरियां ऐसी हैं, जो कानूनी बाधाओं का शिकार हैं। अब इन नौकरियों का पेंच निकालने के लिए सरकार ने अदालतों में मजबूत पैरवी करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए राज्य के एडवोकेट जनरल समेत पूरी टीम को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारियों से कहा जा रहा है कि वे तमाम उन रास्तों का विकल्प पेश करें, जिन्हें अपनाकर कानूनी बाधाएं दूर हो सकती हैं और रुकी हुई भर्तियों को गति मिल सकती है।
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प्रदेश सरकार जल्द ही चतुर्थ श्रेणी के करीब 34 हजार पदों पर भी भर्तियां करने जा रही है। इसके अलावा तमाम उन विभागों से उनकी रिक्वायरमेंट मांगी गई है, जहां पर खाली पद भरने की दरकार है। दरअसल, हरियाणा में सरकारी नौकरियां बरसों से बड़ा मुद्दा रही है। इन नौकरियों के आवंटन में जातिवाद और क्षेत्रवाद के साथ-साथ पैसे के लेनदेन के आरोपों से कोई अछूता नहीं रहा है। कुछ आरोप मौजूदा सरकार में भी लगे, लेकिन ऐसे आरोप सामने आने के तुरंत बाद उन पर सरकार ने कार्रवाई कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि कुछ भी गलत बर्दाश्त नहीं होगा।
' बदलेगा हरियाणा तो बढ़ेगा हरियाणा '
'' हमने अपनी पार्टी के लोगों खासकर युवा मोर्चा के सदस्यों से कहा है कि वे उन लोगों के घरों में जाएं, जहां सरकारी नौकरियां आई हैं। ऐसे लोगों से उनकी राय पूछें। उनके परिवार के सदस्यों से बात करें। वे कैसा महसूस कर रहे हैं। बिना सिफारिश और बिना पैसे के नौकरियां हासिल करने पर उनकी क्या सोच है। फिर उनकी सोच को समाज के बाकी लोगों तक पहुंचाया जाए। इस सोच के आधार पर बाकी युवा अपने भविष्य के परिणाम के प्रति आशान्वित हो सकते हैं।
- सुभाष बराला, अध्यक्ष एवं विधायक, हरियाणा भाजपा।
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कंडीडेट घर भी नहीं पहुंचते और रिजल्ट जारी
'' मैंने विधानसभा में भी कहा था कि हमारी सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ बिना किसी भेदभाव के सरकारी नौकरियां दी हैं। जो अभ्यर्थी अपनी मेहनत की वजह से मेरिट में आया, उसे नौकरियां मिलीं। आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से कहा गया है कि वे भर्ती प्रक्रिया संपन्न होते ही तुरंत रिजल्ट नेट पर डाल दें। कंडीडेट अपने घर भी नहीं पहुंचते तो रिजल्ट जारी हो जाता है। पर्ची सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो चुका है। यह बड़ी बात है।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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आंकड़ों में नौकरी
साढ़े तीन साल में अब तक मनोहरलाल सरकार
52 हजार नौकरियां।
32 हजार पर नियुक्तियां।
20 हजार की चल रही प्रक्रिया।
12 हजार नौकरियां कानूनी पचड़े में।
34 हजार पद और भरेंगे।