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भाजपा ने तैयार किया चुनावी खाका, हुड्डा-चौटाला के गढ़ भेदने के साथ ही हारी बाजी जीतने पर दांव

हरियाणा में दूसरी बार सरकार बनाने की तैयारी में जुटी भाजपा बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से फील्ड में उतर गई है। भाजपा के निशाने पर हुड्डा व चौटाला के गढ़ हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 03:02 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 05:59 PM (IST)
भाजपा ने तैयार किया चुनावी खाका, हुड्डा-चौटाला के गढ़ भेदने के साथ ही हारी बाजी जीतने पर दांव
भाजपा ने तैयार किया चुनावी खाका, हुड्डा-चौटाला के गढ़ भेदने के साथ ही हारी बाजी जीतने पर दांव

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में दूसरी बार सरकार बनाने की तैयारी में जुटी भाजपा बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से फील्ड में उतर गई है। भाजपा के निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ओमप्रकाश चौटाला के गढ़ तो हैं ही, साथ ही पार्टी उन विधानसभा क्षेत्रों पर भी पूरा फोकस रखेगी, जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिल पाए हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की देखरेख में मिशन-75 फतेह करने के अपने लक्ष्य को हासिल करने की रणनीति तैयार की है। भाजपा की इस रणनीति में सांसद और केंद्रीय मंत्री तो साझीदार होंगे ही, साथ ही राज्य सरकार के मंत्रियों, मौजूदा भाजपा विधायकों तथा शक्ति केंद्र प्रमुखों, पालक केंद्र प्रमुख तथा पन्ना प्रमुखों को भी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में पन्ना प्रमुखों के बूते अप्रत्याशित जीत हासिल की है। पार्टी इस प्रयोग को विधानसभा चुनाव में भी आजमाने वाली है। पन्ना प्रमुख का मतलब यह होता है कि रजिस्टर के एक पेज पर जितने मतदाताओं के नाम लिखे होंगे, येन-केन-प्रकारेण उन सबको साधने की जिम्मेदारी पन्ना प्रमुख की होगी। एक पन्ना प्रमुख दूसरे पन्ना प्रमुख के अधिकार क्षेत्र की चिंता नहीं करेगा। उसे सिर्फ अपना काम देखना होगा।

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हालांकि यहां कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को पराजित कर दिया, लेकिन जीत हासिल करने में भाजपा के पसीने छूट गए। भाजपा के टिकट पर डॉ. अरविंद शर्मा यहां कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र हुड्डा से मात्र सात हजार मतों से जीते। ऐसे में भाजपा विधानसभा चुनाव में किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है।

भाजपा को कांग्रेस में बिखराव और इनेलो में पारिवारिक फूट का भी लाभ मिल रहा है। इसके बावजूद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रणनीति, अभय सिंह चौटाला की राजनीतिक चाल और दुष्यंत सिंह चौटाला की सक्रियता को भाजपा किसी सूरत में नजरअंदाज नहीं करना चाहती। भाजपा को आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और नवीन जयहिंद से भी निपटना है। जेपी नड्डा के साथ प्रमुख नेताओं के संवाद में इस पर पूरा जोर दिया गया है। साथ ही रणनीति बनी कि संसद सत्र के बाद सभी केंद्रीय मंत्री और सांसद अपने क्षेत्रों में लगातार एक सप्ताह तक सक्रिय रहेंगे।

भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए सरकार का भविष्य का एजेंडा भी स्पष्ट कर दिया है। भाजपा का पूरा फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर होगा। भाजपा का मानना है कि राज्य सरकार ने रोटी, कपड़ा और मकान की मूल जरूरतों पर काफी काम किया है। इन पांच सालों में सरकार का ध्यान इन तीनों जरूरतों पर रहा। अब सरकार लोगों के स्वास्थ्य, उनकी शिक्षा और सुरक्षा पर खास ध्यान देगी। भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की टीम इस एजेंडे पर काम कर रही है।

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