विधानसभा सचिवालय की गलती से विधायकाें की हो रही बल्ले-बल्ले
हरियाणा विधानसभा सचिवालय की गलती के कारण विधायकों की बल्ले-बल्ले हो रही है। सचिवालय की गलती के कारण विधायकों के भत्ते के संग वेतन पर भी आयकर सरकार भर रही है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा विधानसभा सचिवालय की गलती के कारण राज्य के विधायकों की बल्ले-बल्ले है। वे पिछले आठ साल से इसका फायदा उठा रहे हैैं। राज्य विधानसभा के एक्ट में विधायकों को मिलने वाले भत्तों पर इनकम टैक्स के भुगतान का प्रावधान है, लेकिन विधानसभा सचिवालय विधायकों के वेतन पर भी इनकम टैक्स का भुगतान कर रहा है। यह राशि 2.87 करोड़ रुपये से अधिक है।
नाजायज भरा गया विधायकों के वेतन पर 2.87 करोड़ का इनकम टैक्स
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार द्वारा आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना में विधानसभा सचिवालय ने विधायकों के वेतन पर पहले 48.14 लाख रुपये का इनकम टैक्स भरने की जानकारी दी, लेकिन बाद में सचिवालय ने अपनी गलती मानते हुए नई सूचना दी।
इसमें विधानसभा सचिवालय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2010-11 से मार्च 2018 तक विधायकों के वेतन पर 2,87,62,000 रुपये का आयकर भरा गया है, जो कि पूर्व में दी गई सूचना की राशि से छह गुणा ज्यादा है। जानकारी में सचिवालय ने यह भी स्पष्ट किया कि विधायकों के वेतन पर आयकर का भुगतान गलती से हो रहा था, जिसे एक अप्रैल 2018 से बंद कर दिया गया है।
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मई 2018 का वेतन भी आयकर की राशि काटकर जारी होगा। वहीं सचिवालय की ओर से पूर्व में भरी गई आयकर की राशि की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हरियाणा लेजिस्लेटिव असेंबली (सेलरी, अलाउंस एंड पेंशन ऑफ मेंबर्स) एक्ट 1975 में प्रावधान है कि विधायकों को मिलने वाले भत्तों पर ही सचिवालय की ओर से आयकर का भुगतान किया जा सकेगा।
यह व्यवस्था वर्ष 1975 से चली आ रही है। राज्य के विधायकों को सिर्फ भत्ते दिए जाने का प्रावधान था। विधायकों को वित्तीय वर्ष 2010-11 से वेतन मिलना शुरू हुआ है, तब से विधानसभा सचिवालय भत्तों के साथ-साथ उनके वेतन पर भी आयकर भर रहा है। हालांकि इसके लिए एक्ट में संशोधन किया जाना था, जो कि नहीं किया गया।
विधायकों को खुद भरना होगा आयकर
राज्य के विधायकों को अब वेतन पर अब अपनी खुद की पॉकेट से करना होगा। विधानसभा सचिवालय की ओर से इस तरह की व्यवस्था की जा रही है कि 1 अप्रैल 2018 से विधायकों को जो भी वेतन मिलता है, उसमें से आयकर की राशि काटकर भुगतान की जाए।
सीएम, मंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी अपनी जेब से नहीं भरते आयकर
हरियाणा लेजिस्लेटिव असेंबली एक्ट 1975 में इस बात का प्रावधान है कि मुख्यमंत्री के अलावा सरकार के मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के वेतन व भत्तों दोनों मदों का आयकर विधानसभा सचिवालय के खजाने से ही दिया जाएगा। राज्य में 90 विधायक हैैं। इनमें एक मुख्यमंत्री, 13 मंत्री, एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर शामिल हैैं। यानी 90 विधायकों में से इन 16 विधायकों को अलग कर दिया जाए तो विधानसभा सचिवालय ने 74 विधायकों के वेतन पर गलती से इनकम टैक्स का भुगतान किया है।
विधायकों से वापस ली जा सकती है भुगतान की राशि
हरियाणा के एक विधायक को वेतन और भत्तों के रूप में 2.30 लाख रुपये मिलते है। इसमें विधायक का वेतन 40 हजार और मंत्री का वेतन 50 हजार रुपये मासिक है। बाकी आधा दर्जन भत्ते अलग हैैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से वेतन पर भरी गई राशि को वापस हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इसकी मंजूरी के लिए फाइल विधानसभा अध्यक्ष के पास भेजी जा चुकी है। उनकी मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भी जा सकता है। विधानसभा सचिवालय इस बात की गाइडलाइन चाहता है कि अगर विधायकों से राशि वापस ली जानी है तो वह किस्तों में ली जाएगी अथवा एकमुश्त।