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चुनाव नतीजों से पहले ही बदलने लगी हरियाणा में विधानसभा की रणनीति

लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले आए Exit Poll के आधार पर ही हरियाणा विधानसभा चुनावों की रणनीति बनने लगी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 08:32 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 10:13 AM (IST)
चुनाव नतीजों से पहले ही बदलने लगी हरियाणा में विधानसभा की रणनीति
चुनाव नतीजों से पहले ही बदलने लगी हरियाणा में विधानसभा की रणनीति

जेएनएन, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले आए Exit Poll के आधार पर ही विधानसभा चुनावों की रणनीति बनने लगी है। कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब नए सिरे से गठबंधन की संभावनाओं पर विचार होने लगा है। अगर लोकसभा के चुनाव परिणाम Exit Poll की रिपोर्ट के मुताबिक आते हैं तो राज्य के कई दलों के लिए खतरे की घंटी होगी। भाजपा के बाद कांग्रेस और इनेलो ही अकेले ऐसे दल थे जिन्होंने खुद के बूते सभी दस लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा।

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चुनाव से पहले इनेलो का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन था, लेकिन चुनाव आते-आते यह गठबंधन टूट गया और इनेलो ने अपने बल पर चुनाव लड़ा। चुनाव के दौरान इनेलो के चार विधायक भाजपा में शामिल हो गए जिससे इनेलो के सामने चुनौतियां और बढ़ गई हैं। इसी तरह जननायक जनता पार्टी व आम आदमी पार्टी ने गठबंधन करते हुए सभी दस सीटों पर चुनाव लड़ा।

हिसार, सोनीपत, भिवानी व फरीदाबाद सीटों पर गठबंधन का अच्छा प्रदर्शन रहा है, लेकिन जीत के प्रति कहीं से भी भरोसा नहीं है। लोकसभा चुनाव के अंतिम समय में हुए इस गठबंधन के विधानसभा चुनाव तक बने रहने में संशय है। चुनाव परिणाम के बाद आप व जजपा गठबंधन को हरियाणा में राजनीति करने के लिए अपनी आगामी रणनीति को बदलना पड़ेगा।

लोकसभा चुनाव के दौरान दलितों व पिछड़ों के प्रतिनिधि के रूप में बहुजन समाज पार्टी व लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के बीच गठबंधन हुआ। लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार ऐसा हुआ जब मायावती ने हरियाणा में चार रैलियों को संबोधित किया। इसके बावजूद गठबंधन चुनाव के दौरान प्रदेश को कोई बड़ा संदेश नहीं दे पाया। दलितों व पिछड़ों के रहनुमान बने इस गठबंधन के लिए किसी भी सीट से अच्छी खबर नहीं आ रही है। ऐसे में एलएसपी-बीएसपी के लिए भी विधानसभा की डगर बेहद कठिन है।

...तो कांग्रेस को मिलेगी बड़ी चुनौती

चुनाव परिणाम अगर Exit Poll रिपोर्ट के अनुसार आते हैं तो सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के लिए होगी। वह पिछले पांच साल के दौरान प्रदेश में हुए सभी चुनाव हारी है। लोकसभा में हाईकमान के प्रयासों के बावजूद कांग्रेसी नेता एकजुट नहीं हुए। अब मजबूरी में ही सही, कांग्रेसियों को एक मंच पर आकर भाजपा का मुकाबला करना पड़ेगा।

Exit Poll पर क्या कहते दिग्गज

सीएम मनोहर लाल का कहना है कि हरियाणा में भाजपा सभी दस सीटें जीतेगी। भाजपा की कल्याणकारी नीतियों पर जनता फिर से मुहर लगाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के लिए जो कल्याणकारी नीतियां बनाईं, ये उसी का परिणाम है।

भाजपा पूरी तरह से इवेंट मैनेजर

कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि Exit Poll रिपोर्ट महज कमरों में बैठकर तैयार किए गए आकलन पर आधारित है। भाजपा पूरी तरह से इवेंट मैनेजर है। हरियाणा की जनता ने कांग्रेस को वोट दिया है। पार्टी पांच से छह सीटों पर जीतेगी।

मुझे परिणाम पर भरोसा ज्यादा 

इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला का कहना है कि मुझे Exit Poll पर कम और परिणाम पर भरोसा ज्यादा है। 23 मई को परिणाम आने पर सभी को पता चलेगा कि इनेलो कितनी सीटें जीतेगा। भाजपा की सभी सीटों पर जीतने की बात काल्पनिक है।

वित्त मंत्री बोले- भाजपा के लिए शुभ संकेत

वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का कहना है कि Exit Poll की रिपोर्ट भाजपा के लिए शुभ संकेत हैं। देश को खंडित करने की दिशा में काम करने वाले राजनीतिक दलों के यह देशवासियों का बड़ा संदेश है।

Exit Poll के आंकड़े झूठे साबित होंगे

आप के हरियाणा प्रधान नवीन जयहिंद का कहना है कि Exit Poll के आंकड़े झूठे साबित होंगे। यह भाजपा का कोई इवेंट है। भाजपा ने पांच साल तक देश के लोगों को इस तरह के कई इवेंट दिखाए हैं। इस कहानी का अंत 23 मई को हो जाएगा।

Exit Poll हकीकत से कोसों दूर

जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला का कहना है कि कई सीटों से मिले रुझान के अनुसार हम जहां जीत की तरफ अग्रसर हैं, वहीं कुछ सीटों पर हम मुकाबले में हैं। Exit Poll में कई बातें ऐसी बताई गई हैं जो हकीकत से कोसों दूर हैं।

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