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Baroda Haryana by-election: रणनीतिक तरीके से हुड्डा का चक्रव्यूह भेदने की तैयारी में मनोहर-दुष्यंत

Baroda Haryana by-election बरोदा उपचुनाव कांग्रेस व भाजपा-जेजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। भाजपा-जजपा गठबंधन ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा केे चक्रब्यूह को भेदने के लिए खास रणनीति तैयार की है। विकास और सत्ता में भागीदारी मुद्दा होगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 05:07 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:07 PM (IST)
Baroda Haryana by-election: रणनीतिक तरीके से हुड्डा का चक्रव्यूह भेदने की तैयारी में मनोहर-दुष्यंत
मनोहर लाल व दुष्यंत चौटाला की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा-जजपा गठबंधन के नेताओं की प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा जिस तरह से दांव पर दांव खेल रहे, उसका जवाब देना मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। बरोदा के चुनाव नतीजे सीधे तौर पर गठबंधन सरकार की लोकप्रियता का पैमाना साबित होंगेइसलिए इस चुनाव में फतेह के लिए भाजपा-जजपा गठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

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भाजपा ने कृषि मंत्री जेपी दलाल को बरोदा उपचुनाव का प्रभारी बनाया है। बरोदा में 54 गांव हैं। भाजपा ने कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेदने के लिए एक-एक गांव में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों तथा संगठनात्मक कौशल में माहिर कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई है। एक नेता के जिम्मे दो गांव हैं। इस बार चुनाव में कोरोना की वजह से कोई बड़ी रैली नहीं होगी। सभी राजनीतिक दल प्रेस कान्फ्रेंस, जनसंपर्क अथवा वर्चुअल संवाद के जरिये अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस क्षेत्र के लोगों से एक बार वर्चुअल संवाद कर चुके हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

भाजपा के सहयोगी दल जजपा ने बरोदा फतेह के लिए अलग से रणनीति तैयार की है। खुद जजपा अध्यक्ष डा. अजय चौटाला और राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. केसी बांगड चुनाव की देखरेख में लगे हैं। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला धीरे-धीरे कोरोना से उबर चुके हैं और वह अपनी टीम को बरोदा में झोंकने की तैयारी कर रहे हैं। उनका डिजिटल मोड के जरिये अपनी टीम से लगातार संवाद बना हुआ है। भाजपा व जजपा यह चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ेंगे। पिछले पांच माह के अंतराल में भाजपा ने अकेले बरोदा हलके को साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। भाजपा व जजपा ने बरोदा के विधायक को सत्ता में भागीदारी का नारा भी दिया है।

भाजपा व जजपा को डर था कि बरोदा में कुछ कार्यकर्ता नाराज हो सकते हैं। लिहाजा, उनकी नाराजगी दूर करने के लिए डेढ़ दर्जन चेयरमैनों की नियुक्तियां पहले ही की जा चुकी हैं। बरोदा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार और बदलाव भी संभव है। मुख्यमंत्री ने खुद इसके संकेत दिए हैं। बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैनों की दूसरी तथा तीसरी लिस्ट आने वाली है। सीएमओ और डिप्टी सीएम आफिस के रणनीतिकार इस लिस्ट को पालिश करने में लगे हैं। भाजपा ने बरोदा में अपनी पार्टी के ढ़ाई दर्जन स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। करीब एक दर्जन स्टार प्रचारक दुष्यंत चौटाला की पार्टी के हैं, जो बरोदा में भाजपा की जीत के लिए काम करेंगे। इस चुनाव में अभी भाजपा के किसी केंद्रीय नेता को बुलाने का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।

जींद से मेल खा रहा बरोदा का उपचुनाव

भाजपा ने बरोदा में अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को दूसरी बार अपना प्रत्याशी बनाया है। मौजूदा खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह की परफारमेंस भी ठीक नहीं बताई जाती है। ऐसे में यदि योगेश्वर दत्त बरोदा से उपचुनाव जीतने में कामयाब हो जाते हैं तो संदीप सिंह के स्थान पर उन्हें मनोहर कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। ऐसी राजनीतिक गलियारों में चर्चा है। कांग्रेस ने यहां नए चेहरे इंदु नरवाल (भोलू) और इनेलो ने जोगेंद्र मलिक को चुनाव मैदान में उतारा है। बता दें कि बरोदा में भाजपा आज तक कोई चुनाव नहीं जीत सकी, जबकि इसे पहले इनेलो और अब कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। जींद में भी भाजपा कभी चुनाव नहीं जीत सकी थी, लेकिन पार्टी ने यहां चुनाव के आखिरी दौर में अपनी रणनीति बदल दी थी।

जात-पात की राजनीति नहीं चलेगी, विकास आएगा काम

हरियाणा के कृषि मंत्री एवंं बरोदा उपचुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी जेपी दलाल का कहना है कि कांग्रेस और इनेलो बरोदा में जात-पात की राजनीति कर रहे हैं, जो चलने वाली नहीं है। भाजपा-जजपा गठबंधन विकास और बरोदा को सत्ता में भागीदारी दिलाने के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगा। पिछले पांच से छह माह के अंतराल में करीब छह सौ करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात मुख्यमंत्री ने बरोदा को दी हैं। अगले चार साल में हमारी योजना बरोदा का विकास गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत की तर्ज पर करने की है। एक्सप्रेस-वे पर होने के कारण इसमें दिक्कत भी नहीं आएगी। बरोदा की जनता विकास के मुद्दे पर गठबंधन को वोट देगी।


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