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किसान और खेती से जुड़े मसलों के समाधान के लिए हरियाणा में खुलेंगी कृषि अदालतें, प्रारूप तैयार

Agricultural Court हरियाणा सरकार की योजना हर जिले में कृषि अदालतें खोलने की है। इन अदालतों में किसानों व खेती से जुड़े मामलों का हल किया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा प्रारूप तैयार किया जा रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 09:39 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 09:39 AM (IST)
हरियाणा में कृषि अदालतें खोलने की योजना। सांकेतिक फोटो

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में खेती और किसानों से जुड़े तमाम विवादों के समाधान के लिए प्रदेश सरकार अहम फैसला लेने जा रही है। अपने कार्यकाल के सात साल पूरे होने पर प्रदेश सरकार हर जिले में कृषि अदालतें खोलने का ऐलान कर सकती है। इन कृषि अदालतों के प्रारूप और स्वरूप पर मंथन चल रहा है। कृषि अदालतें खुलने के बाद इनमें भुगतान में देरी, मुआवजा समय से नहीं मिल पाने तथा फसल बीमा कंपनियों की कथित मनमानी समेत तमाम तरह के विवादों को चुनौती दी जा सकेगी। हरियाणा सरकार का मानना है कि कृषि अदालतें खुलने के बाद किसानों से जुड़े विवादों का तेजी से समाधान हो सकेगा।

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27 अक्टूबर को भाजपा सरकार के सात साल पूरे होने वाले हैं। इन सात सालों में सात प्रमुख योजनाएं लेकर हरियाणा सरकार के मंत्री फील्ड में निकल पड़े हैं। प्रदेश सरकार के पास गिनाने के लिए हालांकि 132 कामों की लंबी सूची है, लेकिन इनमें से सिर्फ उन्हीं फैसलों पर चर्चा होगी, जो सीधे तौर पर लोगों के हितों से जुड़े हुए हैं। एनसीआर, मध्य हरियाणा और उत्तर हरियाणा के लोगों के हित की कल्याणकारी योजनाओं पर क्षेत्रवार चर्चा होगी। फिलहाल सबसे अहम मुद्दा किसानों व खेती के हित से जुड़ा है, जिसे लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है।

जिलों में खुलने वाली कृषि अदालतों में हर शिकायत का समाधान करने की मंशा के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। इन कृषि अदालतों की जिम्मेदारी आइएएस अधिकारियों को सौंपी जाए या फिर एचसीएस या कृषि विभाग के अफसरों को, इस पर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने राज्य में शहद व्यापार केंद्र बनाने की योजना तैयार की है। इसके अलावा प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें किसान मित्र बनाने की भी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। एक प्रगतिशील किसान 10 नए किसानों को ट्रेनिंग देकर उन्हें अपने जैसा बनाएगा, जबकि एक प्रगतिशील किसान को 100 किसानों के साथ मित्रता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। किसान मित्र के नाते प्रगतिशील किसान सामान्य किसानों को फसल व वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देंगे, ताकि फसल में अधिक से अधिक लाभ हासिल किया जा सके।

हरियाणा सरकार ने फसल उत्पादक संगठन (एफपीओ) गठित करने पर भी फोकस कर रखा है। अभी तक 486 एफपीओ बनाए जा चुके हैं, जिनसे 76 हजार 855 किसान जुड़े हुए हैं। इन्हें बढ़ाकर एक हजार एफपीओ तक करने की योजना है, जिनके लिए 14 करोड़ 98 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि फसली ऋणों से राहत की एकमुश्त निपटान योजना के तहत तीन लाख आठ हजार 213 किसानों का एक हजार एक करोड़ 72 लाख रुपये का ब्याज व जुर्माना राशि माफ की जा चुकी है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।


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