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Adampur by-election: भजन लाल परिवार के पारंपरिक गढ़ आदमपुर में इस बार समीकरण पूरी तरह बदले

हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए तिथि की घोषणा हो गई है। मतदान तीन नवंबर को होगा। सात से 14 अक्टूबर तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। तीन नवंबर को चुनाव होगा जबकि छह नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Kamlesh BhattPublished: Mon, 03 Oct 2022 05:05 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 09:33 AM (IST)
आदमपुर विधानसभा उपचुनाव 3 नवंबर को। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में आदमपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव का बिगुल बज गया है। महाराष्ट्र, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और ओडिसा की छह विधानसभा सीटों के साथ हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को चुनाव होगा। केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। आदमपुर उपचुनाव की गजट नोटिफिकेशन सात अक्टूबर को जारी होगी। इसके साथ ही आदमपुर में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी।

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आदमपुर उपचुनाव में उम्मीदवारों के नामांकन सात अक्टूबर से शुरू होंगे। 14 अक्टूबर तक नामांकन का दौर चलेगा। तीन नवंबर को चुनाव होगा और छह नवंबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के परिवार का पारंपरिक गढ़ माने जानी वाली हाट सीट पर इस बार समीकरण पूरी तरह बदले हुए हैं।

पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल सहित कई दिग्गजों को हराने वाले भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनावी रण में उतरने को तैयार है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मंजूरी दी तो कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।

आदमपुर में सबसे पहले मई-जून 1998 में पहला उपचुनाव हुआ, जब 1996 में निर्वाचित भजनलाल फरवरी 1998 में करनाल से सांसद निर्वाचित हो गए थे। तब उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कुलदीप बिश्नोई राजनीतिक जीवन शुरू करते हुए बंसीलाल के नेतृत्व वाली हविपा-भाजपा गठबंधन सरकार के प्रत्याशी मास्टर हरि सिंह को भारी मतों से हराकर विधायक बने थे।

मई 2008 में आदमपुर सीट पर दूसरा उपचुनाव हुआ। तत्कालीन हुड्डा सरकार के दौरान भजनलाल को विधानसभा अध्यक्ष रघुबीर सिंह कादयान ने दल बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया था, क्योंकि उन्होंने दिसंबर 2007 में हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ हजकां नाम से पार्टी बना ली थी।

उस उपचुनाव में हजकां से चुनाव लड़ते हुए भजनलाल ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में देवीलाल के छोटे पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई रणजीत चौटाला (अब कैबिनेट मंत्री) तथा इनेलो प्रत्याशी के रूप में प्रो. संपत सिंह को हराया था।

दिसंबर 2011 में कांग्रेस की हुड्डा सरकार के दौरान ही आदमपुर में तीसरा उपचुनाव इसलिए करवाना पड़ा क्योंकि वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से हजकां विधायक बने कुलदीप बिश्नोई ने त्यागपत्र दे दिया था। तब कुलदीप हिसार लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हो गए थे जो उनके पिता भजनलाल के निधन से खाली हुई थी। उस उपचुनाव में कुलदीप की पत्नी रेणुका बिश्नोई ने हजकां से चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के कुलबीर बेनीवाल और इनेलो के राम सिंह बसवाना को हराया था।

मौजूदा विधानसभा में दोनों उपचुनाव हारी भाजपा-जजपा

प्रदेश में 2019 में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार आने के बाद आदमपुर से पहले बरौदा व ऐलनाबाद में उपचुनाव हो चुके हैं। हालांकि दोनों ही जगह भाजपा-जजपा के संयुक्त प्रत्याशी हार गए। 12 अप्रैल 2020 को बरौदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का निधन हो गया था जिस कारण उपचुनाव कराने पड़े। हालांकि उपचुनाव में कांग्रेस ने यह सीट बरकरार रखी।

कांटे के मुकाबले में इंदुराज नरवाल ने भाजपा-जजपा गठबंधन के प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त को हरा दिया। इसके बाद पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान ऐलनाबाद के इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया जिससे नवंबर में उपचुनाव कराने पड़े। अभय चौटाला ने भाजपा-जजपा प्रत्याशी गोबिंद कांडा को हरा दिया।


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