पुलिस की कमजोर थ्योरी के कारण छूटते गए देशद्रोह के आरोपित
मुआवजा मिलना तो दूर जिन आरोपितों पर देशद्रोह की धाराएं लगी थी वे भी हट गई।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : साध्वियों से यौन शोषण में डेरा प्रमुख राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुई हिसा के तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन पीड़ितों को मुआवजा मिलना तो दूर, जिन आरोपितों पर देशद्रोह की धाराएं लगी थी, वे भी हट गई। पुलिस ने देशद्रोह की धाराएं लगाई, लेकिन कमजोर थ्योरी के कारण अदालत में टिक नहीं पाई। पंचकूला की सीबीआइ अदालत की ओर से साध्वी यौन शोषण मामले में फैसला सुनाने के बाद हिसा की आशंका बनी थी। पुलिस-प्रशासन ने एहतियातन धारा-144 लगाई थी। बावजूद इसके पुलिस-प्रशासन ने इकट्ठा होती भीड़ को समय रहते न खदेड़ने की लापरवाही की थी। नतीजतन फैसला आने से पूर्व शहर में राम रहीम के हजारों समर्थकों आ पहुंचे थे और फैसले के बाद डेरा समर्थकों ने आगजनी और हिसा को अंजाम दिया। उपद्रवियों ने ओवी वैन, फायर ब्रिगेड, मीडिया कर्मियों की कारें और दर्जनों टू-व्हीलर हिसा की आग में झोंक डाले थे। पुलिस ने कई लोग गिरफ्तार किए थे, जोकि रिहा हो रहे हैं। खाली हाथ हैं पीड़ित
दंगाइयों ने दर्जनों वाहन जला दिए थे। इनमें अधिकांश वाहन मीडिया कर्मियों के थे। हिसा के तत्काल बाद सरकार ने जल्द मुआवजे का भरोसा तो दिया, लेकिन आज तक किसी को मुआवजा राशि नहीं मिल सकी। दंगाइयों ने हिसा के दौरान सेक्टर-16, एचडीएफसी बैंक को आग के हवाले किया और अग्रवाल भवन में तोड़फोड़ के बाद एंबुलेंस समेत अन्य गाडि़यों को जलाया था। लेकिन कोई मुआवजा नहीं मिला। हनीप्रीत को किया गया था अरेस्ट
राम रहीम की सबसे करीबी हनीप्रीत को पंचकूला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जो लगभग दो साल तक जेल में बंद रही। पुलिस ने शुरुआत में 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें हनीप्रीत, उसकी साथी सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसां, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविद राम, प्रदीप गोयल इंसां और खैराती लाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किए थे। इन पर देशद्रोह की धाराएं लगाई गई थी, जोकि अब हट चुकी हैं। 35 लोगों की हुई थी मौत
गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद भड़की हिसा में करीब 35 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन 17 अगस्त, 2017 को सिरसा स्थित डेरे में हुई बैठक में मौजूद हनीप्रीत समेत आदित्य इंसां सहित कई ऐसे डेरा समर्थक थे, जिन्होंने एक साथ साजिश रचकर वारदात को अंजाम दिया था।