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छात्र राजनीति में आई गर्मी, इनसो व एनएसयूआइ के जवाब में अचानक सक्रिय हुई एबीवीपी

हरियाणा में छात्र संघ चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही इनसो और एनएसयूआइ के जवाब में एबीवीपी भी सक्रिय हो गई है। इससे राज्‍य की छात्र राजनीति में गर्मी आने लगी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 07:26 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 08:32 AM (IST)
छात्र राजनीति में आई गर्मी, इनसो व एनएसयूआइ के जवाब में अचानक सक्रिय हुई एबीवीपी
छात्र राजनीति में आई गर्मी, इनसो व एनएसयूआइ के जवाब में अचानक सक्रिय हुई एबीवीपी

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्र संघ के चुनावों की बहाली पर फिर संग्राम छिड़ने के आसार हैैं। राज्‍य में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)  के छात्र विंग इनसो और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ के जवाब में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) भी सक्रिय हो गई है। इनसो छात्र संघ चुनावों पर लगी रोक हटाकर मतदान के जरिये चुनाव कराने के हक में है। दूसरी अोर, सत्तारूढ़ भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने डायरेक्ट प्रणाली से (बिना मतदान सीधे चुनाव) कराने की मांग की है। अपनी इस मांग को लेकर एबीवीपी का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मिला।

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छात्र संघ के चुनावों की बहाली पर फिर संग्राम छिडऩे के आसार

मुख्यमंत्री ने एबीवीपी की डायरेक्ट प्रणाली के जरिये छात्र संघ के चुनाव कराने संबंधी मांग पर विचार करने का भरोसा दिलाया है। कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआइ भी मतदान के जरिये चुनाव कराए जाने के हक में है। उल्लेखनीय है कि राज्य के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पिछले दो दशक से छात्र संघ के चुनाव पर रोक लगी हुई है।

दरअसल, केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार होने के बावजूद हरियाणा में एबीवीपी लंबे समय से निष्क्रिय थी।  एबीवीपी की निष्क्रियता का दूसरे छात्र संगठनों ने भरपूर फायदा उठाया। इनसो अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला छात्र संघ के चुनाव बहाल कराने को लेकर आमरण अनशन तक कर चुके हैैं। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा छात्र संघ के चुनाव बहाल कराने की मांग को स्वीकार कर चुके हैं। वहीं एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए तमाम उन जिलों में मुख्यमंत्री का पीछा करने की शुरुआत की है, जहां-जहां सीएम जाएंगे।

इनसो और एनएसयूआइ की बढ़ती सक्रियता का जवाब देने के लिए भाजपा संगठन ने भी एबीवीपी को एकाएक सक्रिय कर दिया है। सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन द्वारा इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला व मुख्यमंत्री से भी चर्चा किए जाने की खबर है। सरकार व संगठन को बात जंची तो एबीवीपी को मैदान में उतारकर डायरेक्ट चुनाव कराने की मांग रख दी गई।

खून खराबे से बचने को डायरेक्ट चुनाव के हक में भाजपा

हरियाणा में छात्र संघ के चुनावों में कई छात्र नेताओं की हत्या हो चुकी है। जब विश्वविद्यालय व महाविद्यालय राजनीतिक दलों का अखाड़ा बनने लगे तो पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने छात्र संघ के चुनाव बंद कर दिए थे। प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के जरिये सर्वसम्मति से संकाय व कक्षाओं के मानीटर चुने जाएंगे। फिर वे मिलकर एक प्रधान चुन लेंगे। इसमें राजनीति नहीं होगी और खून खराबे से भी बचे रहेंगे। भाजपा चाहती है कि चुनावों का यही तरीका अपनाया जाए।

कालेज व विश्वविद्यालयों में सीटों की कमी का मुद्दा भी उठा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करने वालों में एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजेंद्र धीमान, प्रांतीय महामंत्री सुनील भारद्वाज, क्षेत्रीय संगठन मंत्री विक्रांत, प्रांत संगठन मंत्री श्याम राजावत, राष्ट्रीय छात्रा प्रमुखा ममता यादव, भिवानी विभाग प्रमुख प्रमोद शास्त्री, फरीदाबाद विभाग प्रमुख डा. घनश्याम वत्स और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा शामिल रहे।

सीएम से मुलाकात के बाद डा. राजेंद्र धीमान ने कालेजों व यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनाव बहाल करते हुए प्रत्यक्ष प्रणाली से होने वाले चुनाव में छात्राओं को भी पूरा प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की। उन्होंने कालेज व विश्वविद्यालयों में सीटों में कमी का मुद्दा भी सीएम के सामने उठाया।


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