बरोदा में कांग्रेस की जीत पर बोले अभय चौटाला, लोगों में था भाजपा-जजपा गठबंधन के खिलाफ आक्रोश
बरोदा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पर अभय चौटाला ने कहा कि यह जीत कांग्रेस की नहीं है। लोगों में भाजपा-जजपा गठबंधन के प्रति आक्रोश था। इसलिए लोगों ने गठबंधन को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस को वोट दिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। इनेलो महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला बरोदा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत को जीत नहीं मानते। उनका कहना है कि कांग्रेस को वोट देना बरोदा के लोगों की मजबूरी थी। लोगों में भाजपा-जजपा गठबंधन के खिलाफ खासा आक्रोश था। लिहाजा गठबंधन को सबक सिखाने के लिए लोगों ने मजबूरी में कांग्रेस को वोट दिया है।
बरोदा के चुनाव नतीजों पर अभय चौटाला ने कहा कि दीपावली के बाद 16 नवंबर को सिरसा में राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें हार के कारणों की समीक्षा होगी। अभय चौटाला ने दावा किया कि बरोदा में लोगों ने इनेलो के प्रति पहले से ज्यादा भरोसा जताया है, जबकि भाजपा व जजपा के वोट घटे हैं। बरोदा हलके में इनेलो को पहले की अपेक्षा अधिक वोट मिलने का मतलब है कि पूरे प्रदेश में इनेलो का ग्राफ बढ़ रहा है। जल्द ही वह स्वयं बरोदा के मतदाताओं के बीच जाकर उनका आभार भी जताएंगे।
अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा ने तीन कृषि कानूनों से किसानों के हित पर कुठाराघात किया है। मतदाताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ अपना निर्णय दिया, वहीं मुख्यमंत्री के उस दावे की भी हवा निकाल दी, जिसमें वे प्रदेश में समान रूप से विकास होने का दावा करते थे। कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस भी जनता की झूठी वाहवाही बटोरने का काम कर रही है जबकि वास्तविकता यह है कि इस बिल के ड्राफ्ट कांग्रेस शासनकाल में ही तैयार किए गए थे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीनों कृषि बिलों को लेकर कांग्रेस ने न तो सडक़ पर ही कोई आंदोलन किया और न ही विधानसभा में सरकार को घेरा बल्कि पीठ दिखाकर सदन से भागने का काम किया। अभय चौटाला ने आरोप लगाया कि बरोदा उपचुनाव में भाजपा ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया और अनेक भौतिक संसाधनों का लालच देकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की।
अभय ने कहा कि इनेलो चौधरी देवी लाल द्वारा स्थापित की गई पार्टी है जो सदैव किसानों के हित के लिए लड़ती है और भविष्य में भी सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि बरोदा उपचुनाव के परिणामों से साबित हो गया है कि प्रदेश में भाजपा का ग्राफ गिरा है और लोगों ने प्रदेश की गठबंधन सरकार को नकारा है।