सिंघू बार्डर हत्या मामले में सक्रिय हुई खुफिया एजेंसी, सरकार को भेजी रिपोर्ट; किसान नेताओं ने दी सफाई
Singhu Border Murder Case हरियाणा -दिल्ली के सिंघू बार्डर पर सिख युवक लखबीर की नृशंस हत्या के मामले में खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। हरियाणा की सीआइडी ने इस पर सरकार को रिपोर्ट दे दी है। पूरे मामले में किसान आंदोलन में सक्रिय अराजक तत्वों पर भी नजर है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। किसान संगठनों के आंदोलन स्थल सिंघु बार्डर से कुछ दूरी पर हुई एक व्यक्ति लखबीर सिंह की नृशंस हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भले ही इस हत्याकांड से पूरी तरह पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन राज्य की खुफिया एजेंसियों को जो सूचनाएं मिली हैं, वह घटना आंदोलनकारियों के अराजक होने की कहानी बयां कर रहे हैं। प्रदेश की गुप्तचर एजेंसी सीआइडी ने करीब एक दर्जन बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, जिसमें आंदोलनकारियों व निहंगों की नजदीकियां दर्शाई गई हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, डा. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां और शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा था कि इस हत्याकांड में किसी भी पक्ष से किसान संयुक्त मोर्चे का कोई लेना-देना नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री निवास पर मैराथन बैठक चली, जिसमें आंदोलन स्थल के पास हुई एक व्यक्ति की हत्या के तमाम पहलुओं पर विस्तार से मंथन किया गया और दोषियों को किसी सूरत में नहीं बख्शने की कार्ययोजना तैयार की गई।
सीआइडी की ओर से सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, वह बेहद चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट के मुताबिक तीन कृषि कानूनों के विरोध में जीटी रो कुंडली सिंघु बोर्डर पर दिनांक 27 नवंबर 2020 से पंजाब व हरियाणा के लोग धरने पर बैठे हुए हैं। इस धरने पर 3500 से 3600 लोगों की हाजरी है, जिनमें 180 से 190 महिलाएं, 400 से 500 युवा और 200 से 225 निहंग अपने पारंपरिक हथियारों के साथ मौजूद हैं। निहंगों की धरनास्थल पर शुरू से ही 650 से 700 की हाजरी रही है। इस समय भी 200 से 225 निहंग अपने 55 घोड़ों के साथ हर समय अपनी पारंपरिक वेशभूषा व हथियारों के साथ धरनास्थल की मुख्य स्टेज के आसपास मौजूद रहते हैं। इनके द्वारा रात के समय धरना व मुख्य स्टेज की पहरेदारी की जाती है।
सीआइडी रिपोर्ट के अनुसार, दहशत फैलाने के लिए हथियारों के साथ घोड़ों पर करतब करते हैं निहंग
सीआइडी रिपोर्ट के मुताबिक निहंग छोटी से छोटी बातों पर आने-जाने वालों के साथ मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं। धरनास्थल पर मौजूद अन्य सिख संगठनों द्वारा भी इनको कोई कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती। निहंग दहशत फैलाने के लिए हथियारों के साथ घोड़ों पर करतब करते रहते हैं, ताकि आसपास के गांवों में इनके प्रति दहशत का माहौल बना रहे।
सीआइडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि निहंगों द्वारा मुख्य स्टेज के पीछे टेंट लगाकर अस्थायी तौर पर गुरुद्वारा साहिब बनाया गया है, जहां पर पंजाब के लोग व संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों अरदास करते हैं। 26 जनवरी को इसी साल निहाल बाबा राजा राज सिंह के नेतृत्व में 40 घोड़ों पर निहंगों द्वारा पारंपरिक वेशभूषा व हथियारों सहित दिल्ली के लाल किले पर पंहुचकर उत्पात मचाया गया था व कई लोगों को घायल किया गया था। इस दौरान इनके एक घोड़े की भी मौत हो गई थी।
सीआइडी ने सरकार को जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक दो अप्रैल को शेखर पुत्र रविंदर उम्र 21 वर्ष निवासी कुंडली के बाएं हाथ पर निहंगों द्वारा तलवार मार दी गई थी। इस केस में आरोपित मनप्रीत निवासी गांव सुल्तान जिला अमृतसर जेल में बंद है। पांच अप्रैल को निहंग बाबा अमनदीप सिंह ने मुख्य स्टेज से आंदोलनकारियों का साथ देने की अपील की थी। 17 अप्रैल को निहंग बाबा कृपाल सिंह द्वारा मुख्य स्टेज से कहा गया कि निहंग फौज संयुक्त किसान मोर्चा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। जब तक दिल्ली का एक्सपोर्ट का काम धंधा व दिल्ली जाने वाले लिंक रोड बंद नहीं किए जाते, तब तक केंद्र सरकार हमारी कोई बात नहीं मानेगी।
सीआइडी ने रिपोर्ट तैयार की है कि 25 अप्रैल को निहंगों द्वारा धरनास्थल पर दिल्ली के पुलिस अधिकारियों से हरियाणा की तरफ रखे कंटेनर हटाने की धमकी दी गई थी। 12 जुलाई को हिसार के किसान नेता सुरेश कोथ ने स्टेज से कहा था कि निहंगों की हरकतों पर नजर रखने की जरूरत है। 26 अगस्त को निहंगों द्वारा प्रदीप पुत्र जयकिशन निवासी प्याऊ मनियारी थाना कुंडली के साथ मोटर साइकिल एचआर 10ए जे-9656 पर जाते समय गांव नाथूपुर के पास झगड़ा किया गया था, जिसमें दो निहंग प्रताप सिंह पुत्र हरमेश सिंह व हरि सिंह पुत्र हरमेश निवासी अरइया थाना बाबा बकाला जिला अमृतसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। निहंगों की रिहायश भी धरनास्थल की मुख्य स्टेज के पास है।