मेयर ने बायो मेथिनेशन प्लांट और सीवरेज वर्क्स का निरीक्षण किया
नगर निगम मेयर कुलभूषण गोयल ने शुक्रवार को बायो मेथिनेशन प्लांट और सीवरेज वर्क्स में छापेमारी कर यहां पर चल रहे कामों की जानकारी ली।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : नगर निगम मेयर कुलभूषण गोयल ने शुक्रवार को बायो मेथिनेशन प्लांट और सीवरेज वर्क्स में छापेमारी कर यहां पर चल रहे कामों की जानकारी ली। प्लांट में निर्माण कार्य चलने के कारण गैस बनाने का काम बंद पड़ा था। नगर निगम ने इस काम के निर्माण के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें पार्षद सुरेश कुमार वर्मा, जय कौशिक एवं ओमवती पुनिया शामिल है। निरीक्षण के दौरान मेयर और कमेटी सदस्यों ने गीला कूड़ा प्रोसेस करने के बारे में जानकारी ली गई। बायो मेथेनेशन प्लांट में गीला कूड़ा प्रोसेस करने के बाद ऐनोरोबिक डायजेशन की जाती है। बायो ग्राइंड करने के बाद लिचेड के साथ बड़े डायजेस्टर में डाल देते हैं, जिसके वैक्टीरियल कल्चर डाल दिया जाता है। ऐनोरोबिक डायजेशन में आक्सीजन ना होने के चलते यह काम करता है। पंचकूला में बने इस प्लांट से गोपाल स्वीट्स को गैस की सप्लाई की जा रही है। कांट्रेक्टर ने मेयर कुलभूषण गोयल को बताया कि इस समय रोजाना साढ़े 400 से 500 किलो गैस का निर्माण किया जा रहा है। इस प्लांट में रोजाना 45 से 46 टन कूड़ा लेने की कैपेसिटी है, जबकि इस समय 20 से 25 टन गीला कूड़ा शहर से आ रहा है। प्लांट में निर्माण कार्य चलने के कारण आज प्लांट बंद होने के बारे में पार्षद जय कौशिक ने ठेकेदार से जबाव मांगा। तो उसने बताया कि प्लांट को जाने वाली सड़क एवं शेड का निर्माण कार्य चल रहा है, जिस संबंध में निगम को पत्र लिखकर बताया गया था कि जब तक निर्माण चल रहा है। तब तक कोई विजिट ना रखी जाए, इसलिये गैस का निर्माण बंद किया गया है। बता दें कि यह प्लांट लगाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नगर निगम पंचकूला को कहा गया था। 26 जुलाई 2020 को एमसी ने कूड़ा इस प्लांट पर पहुंचाना शुरू किया था। पूरे देश में दो ही प्लांट हैं, जिसमें एक इंदौर और दूसरा पंचकूला में है। कुलभूषण गोयल ने निर्देश दिये हैं कि शहर का अधिक से अधिक गीला कूड़ा प्रोसेस किया जाए, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण में पंचकूला की रैंकिग का सुधार हो सके।