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हरियाणा में कार्यकाल पूरा होते ही छिन जाएंगी पंचायत प्रतिनिधियों की शक्तियां, जानें कब से प्रशासक संभालेंगे कमान

Haryana Panchayats हरियाणा सरकार ने राज्‍य के पंचायतों के बारे में बड़ा फैसला किया है। राज्‍य पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा होते ही उनकी शक्तियां छिन जाएंगी और प्रशासकों के पास चली जाएंगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

By Sunil kumar jhaEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 07:03 AM (IST)
हरियाणा में कार्यकाल पूरा होते ही छिन जाएंगी पंचायत प्रतिनिधियों की शक्तियां, जानें कब से प्रशासक संभालेंगे कमान
हरियाणा सरकार पंचायत प्रति‍निधियों के कार्यकाल पूरा होते ही उनके अधिकार छिन लेगी। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में पंचायत चुनावों में देरी के चलते पंचायती राज संस्थाओं की कमान प्रशासकों के हाथों में सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 23 फरवरी को पंचायतों का कार्यकाल खत्म होते ही सभी पंचायत प्रतिनिधियों की पावर छिन जाएगी। विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिला परिषदों को मंगलवार शाम तक चल-अचल संपत्ति का ब्योरा तथा लंबित विकास कार्यों का रिकार्ड महकमे को सौंपने का निर्देश दिया है। वहीं, करीब 200 नई पंचायतों में वार्डबंदी का काम पूरा नहीं होने से पंचायत चुनाव लटक गए हैं।

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23 फरवरी को पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल हो रहा पूरा, इसके बाद प्रशासक संभालेंगे कमान

सभी पंचायत प्रतिनिधियों को संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग कर सारी कागजी कार्यवाही पूरी करने को कहा गया है ताकि अनावश्यक शिकायतों के कारण मुकदमेबाजी का सामना न करना पड़े। इसके तहत विभिन्न योजनाओं के तहत कराए गए विकास कार्यों की लंबित माप पुस्तिका (एमबी), कैश बुक, लेजर, स्टाक रजिस्टर, कार्यवाही पुस्तिका, वाउचर फाइल, शामलाती भूमि से जुड़ा रिकार्ड और कोर्ट केस की फाइलों सहित अन्य रिकार्ड की एंट्री अनिवार्य की गई है।

एंट्री के बाद सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिकार्ड संकलित कर इसे निदेशालय को भिजवाएंगे। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद के रिकार्ड की एंट्री निर्धारित समय में नहीं हुई तो संबंधित अफसर व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दस्तावेजी कार्यवाही पूरी होने के बाद पंचायतों में प्रशासनिक अधिकारी (प्रशासक) तैनात किए जाएंगे। प्रदेश में 22 जिला परिषद, 142 ब्लाक समितियां और 6205 ग्राम पंचायतें हैं। चूंकि नई पंचायतों में वार्डबंदी का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए चुनाव निर्धारित समय पर नहीं हो सकेंगे। 23 फरवरी को पंचायतों का कार्यकाल पूरा होते ही पंचायत प्रतिनिधियों की पावर प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ मेें चली जाएगी।


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