कोरोना से जंग में गुजरात के राज्यपाल देवव्रत ने दिए अहम टिप्स, बताए स्वस्थ जीवन के राज
काेराेना वायरस के खिलाफ जंग के बीच गुजरात के राज्यपाल आचार्य वेदव्रत ने स्वसथ रहने के अहम टिप्स दिए हैं। उन्होंने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ी जा रही जंग में गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक आचार्य देवव्रत लोगों को अहम टिप्स दिया है। वह लोगों को इस स्थिति में संयम बनाए रखने की सलाह देते हैं। आचार्य देवव्रत का मानना है कि किसी भी उम्र के लोगों में ज्यादा आहार (भोजन) लेना बीमारियों का बड़ा कारण है। कम आहार पद्धति अपनाकर आध्यात्म के जरिये बड़ी से बड़ी जंग पर विजय पाई जा सकती है। इसके लिए आचार्य लोगों को नियमित योग तथा यज्ञ करने की सलाह भी देते हैं।
नियमित यज्ञ, एक घंटे की सैर और संतुलित आहार आचार्य देवव्रत की ताकत
करीब 61 वर्ष के आचार्य देवव्रत हर रोज आधा घंटा से 35 मिनट तक यज्ञ करते हैं। आचार्य देवव्रत जब हिमाचल के राज्यपाल थे, तब उन्होंने राजभवन में अंग्रेजों के समय की बनी मधुशाला को तुड़वाकर वहां यज्ञशाला बनवा दी थी। अब गुजरात राजभवन में भी उन्होंने यज्ञशाला बनवाई हुई है। आचार्य अपनी धर्मपत्नी के साथ हर रोज वहां गूगल समेत अन्य जड़ी बूटियों के जरिये यज्ञ करते हैं तथा उसका धुआं पूरे राजभवन परिसर में घुमाते हैं, ताकि पर्यावरण में सकारात्मकता बनी रहे।
गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक आचार्य देवव्रत ने सुझाव स्वस्थ रहने का फार्मूला
पूरे देश में प्राकृतिक खेती के फार्मूले के साथ आचार्य देवव्रत कैंसर के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ने की मुहिम छेड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद उनके प्राकृतिक खेती के फार्मूले को स्वीकार कर चुके हैं। आचार्य सुबह पांच बजे बिस्तर से उठते हैं और 20 मिनट की सैर करने के बाद करीब एक घंटे तक योग-प्राणायम करते हैं। उसके बाद 30 से 35 मिनट तक यज्ञ होता है। सुबह के नाश्ते में आचार्य पपीता और दलिया लेते हैं। वह चाय बिल्कुल नहीं पीते। शुद्ध शाकाहारी आचार्य देवव्रत को परांठे या तला हुआ खाना भी पसंद नहीं है।
हिमाचल के बाद अब गुजरात में भी बनवाई यज्ञशाला, उम्र कोई भी हो, मगर खानपान में संयम जरूरी
आचार्य देवव्रत दोपहर में ज्वार की रोटी, एक दाल और सब्जी के साथ थोड़ी दही खाते हैं। शाम को छह से सात बजे तक पूरे एक घंटा सैर करते हैं और रात को आठ बने खिचड़ी खाते हैं। खिचड़ी की मात्रा भी एक कटोरी से ज्यादा नहीं होती। उन्होंने राजभवन में ही एक गाय रखी हुई है। उसी का दूध, दही और घी इस्तेमाल में आता है। कुछ समय आचार्य गाय के सात भी बिताते हैं।
शाकाहार, संतुलित आहार और प्राणायाम से बढ़ाएं इम्युनिटी पावर
कोरोना की वजह से लोगों में बढ़ रहे डर को भांपते हुए आचार्य देवव्रत कहते हैं कि शरीर की इम्युनिटी पावर (प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाकर तथा नियमित रूप से योग व प्राणायम कर हम इस जंग से जीत सकते हैं। शरीर का निर्माण २५ साल की उम्र तक होता है। उसके बाद उसे बनाए रखने की जरूरत होती है। इसलिए अधिक खानपान की जरूरत नहीं है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए विटामीन सी का प्रयोग जरूरी है। संतुलित और शाकाहारी भोजन के जरिये इम्युनिटी बढ़ सकती है।
आचार्य कहते हैं कि देश में आध्यात्मवाद को बढावा दिया जाना चाहिए। सब अपने-अपने तरीके से आध्यात्मवाद पर चलें तथा भयभीत कतई न हों। इटली का उदाहरण सबके सामने है। इटली ने मजबूत निर्णय नहीं लिए। उसकी सजा इटली के लोग भुगत रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय रहते पूरे देश की चिंता की। अब यदि सरकार को कुछ और ठोस फैसले लेने पड़ गए तो उससे डरने या घबराने की बजाय सरकार को सहयोग करने की जरूरत है।
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