सरकार पर हमलावर हुई कांग्रेस, सुरजेवाला ने कहा- टेलीकॉम कंपनियों पर कृपा क्यों
कांग्रेस ने टेलीकाॅम कंपनियों को लेकर सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाल ने कहा कि सरकार टेलीकॉम कंपनियों पर कृपा क्यों कर रही है।
चंडीगढ़, जेएनएन। टेलीकॉम कंपनियों से एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) के एक लाख दो हजार करोड़ रुपये की वसूली नहीं होने के मामले में कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस ने पिछले दिनों कॉल दरों में 40 फीसद तक की बढ़ोतरी को बड़ा मुद्दा करार दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश के 112 करोड़ प्री-पेड सेल फोन ग्राहकों पर एक लाख 60 हजार 28 करोड़ रुपये का बोझ डाल दिया गया है। केंद्र सरकार टेलीकॉम कंपनियों से एक लाख करोड़ से अधिक की रिकवरी करते हुए उपभोक्ताओं पर बढ़ा हुआ टैरिफ वापस कराए।
112 करोड़ प्री-पेड सेल फोन ग्राहकों पर एक लाख 60 हजार 28 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डालने का आरोप
प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि क्या प्री-पेड मोबाइल ग्राहकों की लूट और सेल फोन कंपनियों को छूट ही न्यू इंडिया है? प्री-पेड मोबाइल ग्राहकों पर सालाना 35 हजार 561 करोड़ का बोझ डाल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के अगले साढ़े चार साल में मोबाइल कंपनियां उपभोक्ताओं की जेब से एक लाख 60 हजार 28 करोड़ रुपये अतिरिक्त निकाल लेंगी जो बकाया एजीआर से कहीं बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 में बनाई गई टेलीकॉम नीति के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को 15 फीसद एजीआर देना था, लेकिन इस पर अदालत के स्टे के बाद कंपनियों की अपील पर इसे पहले घटाकर 13 फीसद और फिर आठ फीसद कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल भारती, टाटा टेलीसर्विसेस (जिसकी मालिक अब एयरटेल है) व रिलायंस जियो को एक लाख दो हजार करोड़ रुपये दूरसंचार विभाग (डीओटी) में जमा कराने का आदेश दिया था। इसके बाद 20 नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में टेलीकॉम कंपनियों द्वारा साल 2020-21 व 2021-22 के लिए दी जानी वाली 42 हजार करोड़ रुपये की उगाही को लंबित कर दिया गया। दिसंबर के पहले सप्ताह में वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और रिलायंस जियो ने प्रीपेड ग्राहकों के लिए 'सेलफोन शुल्क' व 'डेटा इस्तेमाल शुल्क' को 40 से 50 फीसद तक बढ़ा दिया।
सुरजेवाला ने कहा कि इसके बावजूद 23 जनवरी को केंद्र सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से एक लाख दो हजार करोड़ की रिकवरी को रोकते हुए आदेश जारी कर दिया कि टेलीकॉम कंपनियों पर भुगतान के लिए दबाव न डाला जाए। 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फिर चेताने के बावजूद इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर सवालों की झड़ी लगाते हुए कहा कि क्या प्री-पेड सेलफोन उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ 40 फीसद तक बढ़ाकर कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले एक लाख दो हजार करोड़ रुपये के भुगतान की वसूली की जा रही है? टेलीकॉम कंपनियों से रिकवरी को लंबित करने के पीछे राज क्या है?