जब तक सुविधाएं नहीं तब तक कोई टैक्स नहीं
विकास कार्य नाममात्र हुए हैं। परंतु अब प्रशासन द्वारा लोगों को गृह कर जमा करवाने के लिए नोटिस आने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : नगर निगम पंचकूला के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य नाममात्र हुए हैं। परंतु अब प्रशासन द्वारा लोगों को गृह कर जमा करवाने के लिए नोटिस आने लगे हैं। जिसको लेकर शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष व हरियाणा सरकार में चेयरमैन रह चुके विजय बंसल ने ग्रामीणों से टैक्स लिए जाने वाले नोटिस पर आपत्ति जताई है। ग्रामीणों को सचेत किया है कि कोई भी टैक्स जमा न करवाएं क्योंकि न तो सरकार द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई व न ही कोई सम्मान विकास किया गया है। 1993 में इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को और मूलभूत सुविधाएं देने के लिए शिवालिक विकास बोर्ड का गठन किया गया था। सरकार अब तक नहीं दे पाई सुविधाएं
हरियाणा सरकार अभी तक इन क्षेत्रों को मूलभूत सुविधाए उपलब्ध नहीं करवा पाई। हरियाणा सरकार ने 2011 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों को पांच श्रेणी में रखा है जिस कारण इस क्षेत्र के कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता 10 प्रतिशत दिया जाता है। जबकि पंचकूला शहर में कार्यरत कर्मचारियों को 20 प्रतिशत मकान किराया भत्ता दिया जाता है। अधिनियम के तहत जनता को सुविधाएं देना जरूरी
दरअसल, हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 413 के अंतर्गत जब तक नगर निगम व प्रशासन जनता को मूलभूत सुविधाएं जैसे सीवरेज, पेयजल, सड़क आदि उपलब्ध नहीं करवाता तब तक सरकार जनता से टैक्स नहीं वसूल सकती। परंतु रिकॉर्ड के अनुसार व धरातल पर विकास की सच्चाई बयान करती है कि निगम के ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं तो बंसल का कहना है कि सरकार टैक्स नहीं वसूल सकती। साथ ही सरकार के पास हाउस टैक्स का कोई रिकॉर्ड तक भी उपलब्ध नहीं है। सरकार जबरन ग्रामीणों से टैक्स वसूल रही है जोकि बिल्कुल गलत है क्योंकि सरकार जनता की जेब पर डाका डालने का काम कर रही है।