छोटे सप्लायरों पर नहीं, बड़े ड्रग तस्करों पर कसनी होगी नकेल
शहर में नशा कारोबारी किस कदर पिछले कई वर्षों से सक्रिय है उसका अंदाजा पिछले एक महीने में पुलिस की कार्रवाई में बरामद किए गए नशीले पदार्थो से लगाया जा सकता है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला
शहर में नशा कारोबारी किस कदर पिछले कई वर्षों से सक्रिय है, उसका अंदाजा पिछले एक महीने में पुलिस की कार्रवाई में बरामद किए गए नशीले पदार्थो से लगाया जा सकता है। मगर अब तक बड़े ड्रग तस्करों को पकड़ने के बजाय पुलिस छोटे-छोटे नशा सप्लायरों को पकड़कर ही अपनी पीठ थपथपाती रही है। जबकि यह बात साफ है कि बड़े ड्रग्स तस्कर पिछले कई वर्षों से पंचकूला में ड्रग सप्लाई करके चांदी काट रहे है। नशीली दवाइयां, हुक्का, अफीम, गांजे, हेरोइन की युवाओं में बढ़ रही लत के कारण ही इन कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। तस्करों के निशाने पर कॉलेज, स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र और कालोनियों में रहने वाले युवा हैं।
जिले में एक महीने के अंदर पुलिस ने लगभग 33 लाख रुपये की कीमत का नशा पकड़ा चुकी है। मगर गिरफ्तार आरोपित छोटे-छोटे ड्रग्स सप्लायर हैं। जबकि इनके बड़े सप्लायरों और तस्करों को पकड़ने के लिए मुहिम शुरू करने की जरूरत है। नशा मुक्ति के लिए रोजाना अस्पताल पहुंच रहे 20 से 30 युवा
नागरिक अस्पताल में नशे से ग्रस्त रोजाना 20 से 30 युवा आ रहे हैं। यह मामले शहरी एरिया के साथ साथ पिजौर, कालका, अमरावती एरिया से आ रहे हैं। पंचकूला में एक महीने में 50 किलो से ज्यादा गांजा, 2 किलो से ज्यादा सुल्फा और 200 ग्राम से ज्यादा चिट्टा पकड़ा जा चुका है। पढ़ाई के स्ट्रेस को कम करने के बहाने लगती है नशे की लत
शुरुआत में स्टूडेंट्स को पढ़ाई के स्ट्रेस को कम करने के बहाने नशा कराया जाता है। इसके बाद उन्हें इसकी लत पड़ जाती है। इनका खुलासा पिछले कुछ दिनों में पकड़े गए ड्रग तस्करों से हुआ है। कुछ दिन पहले ही पुलिस ने 21 किलो गांजा पकड़ा जा चुका है। इससे पहले भी पुलिस ने मुहिम छेड़ी थी, जिसमें 17 नाइजीरियनों को गिरफ्तार कर करोड़ों रुपये का नशा बरामद किया था। औद्योगिक क्षेत्र में काफी मात्रा में एक्सपायर दवा का जखीरा बरामद किया गया था। जुलाई 2015 को पंचकूला में युवाओं को नशा सप्लाई करने वाले गिरोह को हिमाचल से नशा सप्लाई करने वाली महिला आशा को मणीकरण से पकड़ा गया। नशा मुक्ति केंद्र में आए एक युवक ने बताया कि ट्यूशन सेंटर्स में आने वाले काफी बच्चे नशे की चपेट में हैं। उन्हें कहा जाता है कि गांजा पीने या ड्रग्स लेने से यादाश्त तेज होती है और अच्छे से लंबे समय तक पढ़ाई कर सकते हैं। स्कूल, कॉलेज और कालोनियों में सप्लाई हो रहा है नशा
शहर की कालोनियों में नशा कारोबार खूब चल रहा है। रात के समय अवैध शराब से लेकर अफीम, गांजा, हेरोइन युवाओं को सप्लाई होती है। राजीव एवं इंदिरा कालोनी में कुछ दिन पूर्व दो गुट इस बात को लेकर खूब भिड़े थे, जिसके बाद पुलिस ने कुछ दिन के लिये सख्ताई की, परंतु अब फिर से काम पूरे जोरों पर चल रहा है। इंसानियत से खिलवाड़
कुछ लोग नशा ग्रस्त लोगों का नाजायज फायदा भी उठाते हैं। पिजौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव जल्लाह में एक प्राइवेट बिल्डिग में अवैध रूप से चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्र में 23 नशा पीड़ितों को बदतर हालात में एक कमरे में बंदी बनाकर रखा हुआ था। डिस्ट्रीक सोशल वैल्फेयर अफसरों की टीम ने छापेमारी कर उन्हें छुड़ाया था। अफीम के साथ एक काबू
अपराध शाखा सेक्टर-19 पंचकूला की टीम को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति पुराने लेबर चौक सेक्टर-16, पंचकूला के आस-पास घूम-घूमकर नशा करने वाले व्यक्तियों को अफीम बेचता हैं। पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को घूमता हुआ पाया गया। शक के आधार पर तलाशी ली गई तो उसे व्यक्ति के पास से उपरोक्त 500 ग्राम अफीम बरामद किया गया है। आरोपित की पहचान रामसेवक निवासी इंदिरा कॉलोनी, मनीमाजरा के रूप में हुई। जिले में नशे के कारोबार पर अंकुश के लिए पुलिस पिछले कुछ दिनों में कई बड़े नशा सप्लायर पकड़े जा चुके हैं। क्राइम ब्रांच लाखों रुपये का नशा पकड़ चुकी है और यह मुहिम लगातार जारी रहेगी।
-कमलदीप गोयल, डीसीपी पंचकूला