सड़कों पर किया पेंट ताकि हादसों में लाई जा सके कमी
जागरण संवाददाता पंचकूला नगर निगम पंचकूला व हरियाणा विजन जीरो टीम ने शुक्रवार रात शहर
जागरण संवाददाता, पंचकूला : नगर निगम पंचकूला व हरियाणा विजन जीरो टीम ने शुक्रवार रात शहर के दो प्रमुख चौराहों फ्लाईओवर के नीचे सेक्टर 20 लाइट प्वाइंट व माजरी चौक चौराहे पर ट्रायल किया। इस ट्रायल में पेंट से सुंदर तरीके से यातायात नियमों को समझाया गया है। ये दो चौराहे शहर के ब्लैक स्पॉट हैं, जहां अक्सर सड़क हादसे होते हैं और कोई न कोई अपनी जान गंवा देता है।
नगर निगम व हरियाणा विजन जीरो की ओर से किए गए ट्रायल में पेंट से सुंदर तरीके से यातायात नियमों को समझाया गया है। विकसित देशों में इसका प्रयोग किया जाता है। हालांकि भारत में यह तकनीक अभी काफी नई है। डब्ल्यूआरआइ इंडिया के माध्यम से देश के कुछ शहरों मुंबई, भुवनेश्वर व कोच्चि में ट्रायल का सफलतापूर्वक संचालन किया गया और इसके अनुभव काफी हद तक सकारात्मक रहे हैं। हरियाणा विजन जीरो टीम हरियाणा में रोहतक में दो स्थानों पर यह ट्रायल कर चुकी है। पंचकूला नगर निगम को इस शहर में भी इन ट्रायल्स के अच्छे परिणाम आने की उम्मीद है। नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल ने बताया कि यह ट्रायल्स सभी विभागों के सहयोग से सफल हो पायेगा, जिसमें परिवहन विभाग, एनएचएआइ और पुलिस का समर्थन जरुरी है।
पंचकूला में कुल 24 ब्लैक स्पॉट
पंचकूला में कुल 24 ब्लैक स्पॉट हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार एक ब्लैक स्पॉट को लगभग 500 मीटर की सड़क के रूप में परिभाषित किया गया है, जहां पर पिछले तीन वर्षों में कम से कम पांच सड़क हादसे या 10 मौतें हो चुकी हैं। माजरी चौक पर वर्ष 2016 में 17 और 18 में आठ सड़क हादसे और तीन जानलेवा हादसे हो चुके हैं, जबकि जबकि एक ही साल में सेक्टर 20 लाइट्स पर 13 हादसे और पांच जानलेवा हादसे हो चुके हैं।
यह है हरियाणा विजन जीरो
हरियाणा विजन जीरो कार्यक्रम हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मई 2017 में शुरु किया गया था, जिसके तहत 2030 तक सड़क हादसों में कमी लाना है। राजेश जोगपाल स्वयं हरियाणा विजन जीरो टीम के साथ थे और सड़कों पर रंगों से चित्रकारी करते नजर आए। उन्होंने बताया कि कुछ लीटर पेंट, ब्रश, कोनस और बैरिकेड्स के उपयोग के साथ चौराहों को आकर्षक बनाया गया है, ताकि भीड़, दुर्घटना जैसे यातायात के मुद्दों को कम किया जा सकता है। सड़क सुरक्षा सलाहकार व डब्ल्यूआरआइ इंडिया की सारिका पांडा इस परियोजना में सहयोग कर रही हैं।