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11 साल, 54 आंदोलन, 5 आत्महत्या, 180 मौत के बाद 'फल' की उम्मीद

हरियाणा के अतिथि अध्यापकों का संघर्ष करीब 11 साल के लंबे अंतराल के बाद अब रंग लाएगा। सरकार सभी 13 हजार 746 अतिथि अध्यापकों को पक्का करने का सैद्धांतिक फैसला ले चुकी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 03:29 PM (IST)
11 साल, 54 आंदोलन, 5 आत्महत्या, 180 मौत के बाद 'फल' की उम्मीद

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के अतिथि अध्यापकों का संघर्ष करीब 11 साल के लंबे अंतराल के बाद अब रंग लाएगा। 54 छोटे बड़े आंदोलनों के बाद मनोहर लाल सरकार राज्य के सभी 13 हजार 746 अतिथि अध्यापकों को पक्का करने का सैद्धांतिक फैसला ले चुकी है। विधानसभा के बजट सत्र में अतिथि अध्यापकों को पक्का करने का बिल पेश होने की संभावना है। 31 जनवरी 2019 तक दस साल की सेवा पूरी करने वाले अतिथि अध्यापकों को सरकार पक्का करेगी। इस सेवा शर्त के दायरे में सभी अतिथि अध्यापक कवर हो रहे हैं।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल से चर्चा करने के बाद शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने अधिकारियों को बजट सत्र के लिए विधेयक तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त निदेशक प्रवीण कुमार और वंदना दिसौदिया के नेतृत्व वाली चार सदस्यीय कमेटी ने विधेयक का मसौदा तैयार कर शिक्षा मंत्री को सौंप दिया है। अब इस विधेयक पर कानूनी राय ली जाएगी।

पिछली हुड्डा सरकार में 20 दिसंबर 2005 से 16 दिसंबर 2007 के बीच करीब 22 हजार अतिथि अध्यापकों की नियुक्तियां हुई थीं। 13 जून 2015 को सरकार ने 3581 अतिथि अध्यापकों को सरप्लस बताते हुए हटा दिया था। अतिथि अध्यापक सुप्रीम कोर्ट में यह केस जीत गए थे। इसके बाद उन्हें पक्का करने का आंदोलन तेज हो गया। अतिथि अध्यापक 2008 से नियमित करने की मांग कर रहे हैैं।

पिछले 14 सालों के अंतराल में करीब आठ हजार अतिथि अध्यापक या तो दूसरे विभागों में लग गए या फिर उन्होंने नौकरी छोड़ अन्य काम धंधे अपना लिए। 2008 में अतिथि अध्यापकों को पक्का करने की मांग को लेकर राज्य में पहला बड़ा आंदोलन हुआ था। इसमें पुलिस की लाठीचार्ज और गोलीबारी में राजरानी शहीद हो गई थी। 13 जून 2015 को 3581 अतिथि अध्यपाकों को सरप्लस बताकर हटाने के सदमे में पांच अतिथि अध्यापकों ने आत्महत्या कर ली और 180 अतिथि अध्यापक अब तक विभिन्न कारणों से दिवंगत हो गए।

प्रो. रामबिलास ने किया था पक्का करने का वादा

हरियाणा भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष और मौजूदा शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने वर्ष 2014 में अतिथि अध्यापकों को एक कलम से पक्का करने का भरोसा दिलाया था। प्रदेश सरकार ने इन अध्यापकों को पक्का करने के लिए तमाम कानूनी पेचीदगियां दूर करते हुए अब जाकर बजट सत्र में पक्का करने का तोहफा देने का निर्णय लिया है।

शिक्षा मंत्री को सौंपे विधेयक पर सरकार लेगी कानूनी राय

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण कुमार तथा वंदना दिसौदिया की टीम ने विधेयक का प्रारूप हरियाणा के शिक्षा मंत्री को सौंप दिया है। अब इस विधेयक पर एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन, मुख्य सचिव डीएस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और एलआर की राय ली जाएगी। इस विधेयक का नाम दी हरियाणा गेस्ट टीचर्स सिक्योरिटी ऑफ सर्विस एक्ट होगा।

अतिथि अध्यापकों की अधिकारियों के साथ होगी बैठक

अतिथि अध्यापक संघर्ष समिति हरियाणा के संयोजक पारस शर्मा के अनुसार अगले दो से तीन दिनों में अतिथि अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल की शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि यदि अतिथि अध्यापक पक्के होते हैैं तो यह सरकार का उन्हें सबसे बड़ा तोहफा होगा। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी 2019 को 10 साल की सेवा पूरी करने वाले अतिथि अध्यापकों को पक्का करने पर विचार चल रहा है। इस सेवा शर्त के दायरे में सभी अतिथि अध्यापक कवर हो जाते हैैं।

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