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मनोज यादव होंगे हरियाणा के नए DGP, 16 साल बाद केंद्र की सेवा से लौटेंगे

हरियाणा कैडर के सीनियर IPS अधिकारी मनोज यादव राज्य के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) होंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 08:45 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 06:21 PM (IST)
मनोज यादव होंगे हरियाणा के नए DGP, 16 साल बाद केंद्र की सेवा से लौटेंगे
मनोज यादव होंगे हरियाणा के नए DGP, 16 साल बाद केंद्र की सेवा से लौटेंगे

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा कैडर के सीनियर IPS अधिकारी मनोज यादव राज्य के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) होंगे। करीब 16 साल के लंबे अंतराल के बाद यादव अपने कैडर हरियाणा में वापस लौट रहे हैं। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रहने वाले यादव की गिनती मिलनसार और स्टेट फारवर्ड अफसरों में होती है। उन्होंने DGP पद की दौड़ में शामिल नौ सीनियर IPS अधिकारियों को पछाड़ते हुए नया मुकाम हासिल किया है।

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मनोज यादव हाल फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) में इंटेलीजेंस ब्यूरो के ज्वाइंट डायरेक्टर पद पर कार्यरत हैं। यादव वर्ष 2003 में डेपुटेशन पर इस विभाग में दिल्ली चले गए थे। मौजूदा DGP बीएस संधू का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा होने से DGP का पद खाली चल रहा था, लेकिन DGP के नाम पर विवाद के चलते राज्य सरकार ने नई नियुक्ति होने तक डॉ. केपी सिंह को कार्यवाहक DGP का दायित्व सौंप रखा था।

मनोज यादव वर्ष 1988 बैच के IPS अधिकारी हैं तथा उनकी रिटायरमेंट 31 जुलाई 2025 को है। उनके बेटे का 2018 में आइएएस के पद पर चयन हुआ था। उसे असम कैडर मिला है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम करते हुए मनोज यादव की आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के साथ नजदीकियां बढ़ीं। इसी का फायदा उन्हें DGP के पद पर नियुक्ति के रूप में मिला है। मनोज यादव गैरविवादित अफसर हैं। चंडीगढ़ में एसपी ट्रैफिक और एसपी सुरक्षा के पद पर रहने के बाद उन्होंने हरियाणा के कई जिलों में एसपी के पद पर कार्य किया है।

चौटाला और अभय से हो चुका मनोज यादव का टकराव

हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में वर्ष 2003 में मनोज यादव का एक बार टकराव हो चुका है। इसके बावजूद उनकी गिनती गैर विवादित अफसरों में होती है। चौटाला के साथ-साथ अभय चौटाला के साथ भी उनकी तब पटरी नहीं बैठी थी। इसके बाद वह डेपुटेशन पर दिल्ली चले गए थे।

सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों का हुआ अनुपालन

हरियाणा में DGP की नियुक्ति को लेकर UPSC ने सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों का अनुपालन किया है। जिन IPS अधिकारियों का कार्यकाल दो साल से कम बचा है, उनके नामों पर UPSC ने विचार नहीं किया। दो साल का कार्यकाल बचा होने की शर्त के बाद सरकार की ओर से भेजे गए 9 IPS अफसरों में 4 DGP बनने की दौड़ से बाहर हो गए थे।

ITBP में डीजी एसएस देसवाल ने हरियाणा आने से इन्कार कर दिया। इसके बाद UPSC ने हरियाणा सरकार को वर्ष 1988 बैच के केंद्र में डेपुटेशन पर तैनात मनोज यादव, 1986 बैच के DGP केके सिंधू और 1985 बैच के DGP जेल के. सेल्वराज के नाम भेजे थे। मुख्यमंत्री ने मनोज यादव के नाम पर मुहर लगा दी।

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