हरियाणा में विधायकों को खुद भरना होगा वेतन पर इनकम टैक्स
हरियाणा सरकार ने विधानसभा सचिवालय का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया। अब विधायकों के वेतन व भत्तों से पूर्व में भरे गए इनकम टैक्स की रिकवरी होगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा सचिवालय द्वारा विधायकों के वेतन पर भरे गए 2.87 करोड़ रुपये के इनकम टैक्स की अब विधायकों से वसूली की जाएगी। प्रदेश सरकार ने विधानसभा सचिवालय की ओर से भेजे गए सुझाव पर उक्त राशि माफ किए जाने के किसी भी प्रावधान से इन्कार कर दिया। वहीं, राज्य के विधायकों को अब वेतन पर इनकम टैक्स का भुगतान खुद की पाकेट से करना होगा। विधानसभा सचिवालय की ओर से इस तरह की व्यवस्था की जा रही है कि एक अप्रैल 2018 से विधायकों को जो भी वेतन मिल रहा है, उसमें से इनकम टैक्स की राशि काटकर भुगतान किया जाए।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा लेजिस्लेटिव असेंबली (सेलरी, अलाउंस एंड पेंशन ऑफ मेंबर्स) एक्ट 1975 में प्रावधान है कि विधायकों को मिलने वाले भत्तों पर ही विधानसभा सचिवालय की ओर से इनकम टैक्स का भुगतान किया जा सकेगा। यह व्यवस्था 1975 से चली आ रही है।
राज्य के विधायकों को वित्तीय वर्ष 2010-11 से पहले केवल भत्ते दिए जाने का प्रावधान था, उन्हें वेतन नहीं मिलता था। विधायकों को वर्ष 2010-11 में वेतन मिलना शुरू हुआ है, तभी से यानी बीते आठ साल से विधानसभा सचिवालय भत्तों के साथ-साथ वेतन पर भी इनकम टैक्स का भुगतान कर रहा है। हालांकि इसके लिए वेतन पर इनकम टैक्स का भुगतान सचिवालय के खजाने से करने के लिए एक्ट में संशोधन किया जाना था, जो कि नहीं हुआ।
बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार द्वारा आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना में विधानसभा सचिवालय ने पहले विधायकों के वेतन पर 48.14 लाख रुपये के इनकम टैक्स का भुगतान करने की जानकारी दी थी। हेमंत कुमार के संतुष्ट नहीं होने पर सचिवालय ने अपनी गलती मानते हुए दोबारा नई सूचना दी, जिसमें बताया गया कि वेतन पर 2 करोड़ 87 लाख रुपये के इनकम टैक्स का भुगतान किया गया है।
नौ विधायकों ने पूछा, किस तरह वापस ली जाएगी राशि
हरियाणा के विपक्षी विधायकों जाकिर हुसैन, शकुंतला खटक और जयतीर्थ दहिया समेत नौ विधायकों ने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर वेतन पर भरे गए इनकम टैक्स की रिकवरी के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। इन विधायकों ने विधानसभा सचिवालय से कहा है कि यदि सचिवालय ने कोई गलती की है तो वह इसका भुगतान क्यों करें। इसके बावजूद यदि राशि वसूली जानी है तो वह कितनी है और उसकी वसूली का तरीका क्या होगा। कितनी समय अवधि में किस तरह से यह राशि वापस ली जाएगी।
विधानसभा एक्ट में राशि वापस लेने का प्रावधान
हरियाणा विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी नौ विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब तैयार किया जा रहा है। विधानसभा के एक्ट में प्रावधान है कि यदि किसी विधायक के पास गलती से अधिक राशि चली जाए तो उसे वापस लिया जा सकता है। सचिवालय इस एक्ट का इस्तेमाल करते हुए विधायकों से राशि वापस लेगा।
मानसून सत्र में होगा हंगामा
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 17 अगस्त से आरंभ हो रहा है, जो 21 अगस्त तक चलेगा। बीच में शनिवार और रविवार भी पड़ेंगे। तीन दिन तक विधानसभा की चार बैठकें होंगी, जिनमें विधायकों से वसूली जाने वाली राशि का मुद्दा उठेगा और इस पर हंगामा होने के पूरे आसार हैैं।
सीएम, मंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का इनकम टैक्स भरने का है प्रावधान
हरियाणा लेजिस्लेटिव असेंबली (सेलरी, अलाउंस एंड पेंशन आफ मेंबर्स) एक्ट 1975 में इस बात का प्रावधान है कि मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के वेतन और भत्तों दोनों मद में इनकम टैक्स का भुगतान विधानसभा सचिवालय के खजाने से ही होगा। राज्य में 90 विधायक हैैं। इनमें एक मुख्यमंत्री, 13 मंत्री, एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर शामिल हैैं। यानी 90 विधायकों में से इन 16 विधायकों को अलग कर दिया जाए तो विधानसभा सचिवालय ने 74 विधायकों के वेतन पर गलती से इनकम टैक्स का भुगतान किया है।
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पंजाब में सीएम, मंत्री और सांसद खुद भरते हैं इनकम टैक्स
उधर, हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब की बात करें तो वहां पर सीएम एवं मंत्रियों के इनकम टैक्स का भुगतान वे खुद करते हैं। सांसदों को भी अपने वेतन व भत्ते पर आयकर का भुगतान अपनी जेब से ही करना पड़ता है।
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