जेलों से बाहर शिफ्ट होंगे अच्छे व्यवहार वाले कैदी, साथ रख सकेंगे परिवार
हरियाणा में अच्छे व्यवहार वाले कैदी परिवार के साथ रह सकेंगे। सरकार ने ओपन एयर जेलों में जाने के इच्छुक कैदियों के लिए शर्तें तय की हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। दो-तिहाई सजा पूरी कर चुके अच्छे व्यवहार वाले कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार उन्हें ओपन एयर जेल में शिफ्ट करेगी। सभी जिलों में जेल परिसरों के पास बंदी खुला शिविर बनाए जाएंगे जिनमें बिजली-पानी से लेकर तमाम बुनियादी सुविधाएं होंगी। कैदी इन शिविरों में अपने परिवार को भी साथ रख सकेंगे।
गृह विभाग ने कैदियों को सदाचार और अनुशासनात्मक जिंदगी जीने का मौका देने, सामाजिक समायोजन और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'हरियाणा बंदी खुला शिविर नियम' की अधिसूचना जारी कर दी है। डीजीपी जेल की सिफारिश पर ये शिविर स्थापित किए जाएंगे।
शिविर में भेजा जाने वाला कैदी अपनी आमदनी से ही परिवार के लिए भोजन, वस्त्र और अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था करेगा। अगर जेल अधीक्षक कैदियों से कोई काम लेते हैं तो उन्हें न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी। इतना ही नहीं, कैदियों को 15 किलोमीटर के दायरे में दूसरी जगह नौकरी करने की भी छूट रहेगी। गंभीर मामलों में सजायाफ्ता या 30 साल से कम उम्र के कैदी को इन शिविरों में नहीं भेजा जाएगा। बिजली-पानी सहित अन्य सुविधाओं का भुगतान कैदी खुद करेंगे।
ओपन एयर जेल में उन कैदियों को रखा जाएगा कि जो कभी पैरोल से लेट न हुए हों और जेल परिसर में अनुशासन से रहे हों। करनाल में एक कमरे वाले आवासों का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। इसके अलावा जल्द ही रोहतक, झज्जर, पलवल, मेवात, पानीपत में नई ओपन एयर जेल बनकर तैयार हो जाएंगी।
पांच कैदियों की पंचायत, सरपंच खुद चुनेंगे बंदी
कैदियों के लिए निर्मित पारिवारिक आवासों में पांच सदस्यों की बंदी पंचायत भी बनाई जाएगी। निर्वाचित सदस्य खुद सरपंच चुनेंगे। हर साल अप्रैल में पंचायत का चुनाव होगा। पंचायत को कैदियों के साथ ही उनके पारिवारिक सदस्यों की छोटी भूल चूक या अवचार के मामलों का निपटारा करने की पावर होगी। अवांछित व्यवहार पर कैदियों को वापस जेल भेज दिया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः पिता का जुनून देखिए... ठानी तो बच्चों ने छू लिया आसमान