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FICCI ने की ग्रे आफिस मार्केट को मान्यता देने की सिफारिश, हरियाणा सरकार को सौंपा श्वेतपत्र

फिक्की ने हरियाणा सरकार को श्वेत पत्र सौंपकर ग्रे आफिस मार्केट को मान्यता देने की सिफारिश की है। कहा कि घरों में चल 700 स्टार्ट-अप चल रहे हैं। इससे हरियाणा में छह लाख शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 05:32 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 05:32 PM (IST)
FICCI ने की ग्रे आफिस मार्केट को मान्यता देने की सिफारिश, हरियाणा सरकार को सौंपा श्वेतपत्र
फिक्की ने की ग्रे आफिस मार्केट को मान्यता देने की सिफारिश। फिक्की का लोगो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry FICCI) ने हरियाणा सरकार से ग्रे आफिस मार्केट को मान्यता देने की सिफारिश की है। अपने नालेज पार्टनर जेएलएल (जोंस लैंग लासेल) के साथ तैयार शोधपत्र में फिक्की ने कहा है कि यह कदम प्रदेश की अर्थव्यवस्था में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और संपत्ति कर संग्रह में वृद्धि के साथ-साथ रियल एस्टेट में भी कारगर होगा।

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फिक्की की क्षेत्रीय शहरी इंफ्रा समिति के अध्यक्ष विनीत नंदा और क्षेत्रीय प्रमुख जीबी सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने नगर एवं आयोजना विभाग के महानिदेशक के मकरंद पांडुरंग तथा लेखा परीक्षा के प्रधान महालेखाकार विशाल बंसल को शोधपत्र प्रस्तुत किया।

प्रतिनिधिमंडल ने महामारी के बाद कार्यक्षेत्रों की बदलती गतिशीलता का जिक्र करते हुए कहा कि व्यवस्थित तरीके से ‘ग्रे आफिस मार्केट’ को फिर से तैयार करने और वैध करने की जरूरत है। ग्रे आफिस मार्केट मुख्य रूप से छोटे पैमाने के स्टार्ट-अप, असंगठित वर्कर्स और बेरोजगार-रिमोट वर्कफोर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले होम-बेस्ड (घर आधारित) सेटअप से संचालित होते हैं।

ग्रे आफिस मार्केट को मान्यता मिलने से हरियाणा में 700 से अधिक स्टार्ट-अप और छह लाख बेरोजगार पेशेवरों को फायदा होने की उम्मीद है। 'वर्क एट होम' की व्यवस्था उद्यमियों और बेरोजगार लोगों के लिए कम लागत वाली, समय बचाने वाली और अवसरों से भरी है। यह नीति न केवल हरियाणा की औपचारिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, बल्कि रियल एस्टेट उपनियमों को बेहतर बनाने में मदद करेगी।

जेएलएल के सीनियर डायरेक्टर और इंडिया हेड कंसल्टिंग आकाश बंसल ने कहा कि हरियाणा के लगभग पंद्रह लाख लोग अनियमित होम बेस्ड प्रतिष्ठानों से काम कर रहे हैं जो कुल मानव श्रम का 25 प्रतिशत है। प्रदेश में 3500 स्टार्ट-अप में से 2800 स्टार्ट-अप पंजीकृत हैं, जबकि 700 स्टार्ट-अप अनौपचारिक स्थानों से काम कर रहे हैं। इनमें अधिकतर घरों में संचालित हैं जिसमें नौ से दस हजार लोग कार्यरत हैं।


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