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भू-जल का अवैध दोहन कर बांझ कर रहे धरती की कोख

भू-जल स्तर को ठीक रखने के लिए सरकार कई स्तर पर कोशिश कर रही है। भूमिगत जल के संरक्षण के लिए जहां जलशक्ति अभियान चलाया हुआ है वहीं किसानों से अपील की जा रही है कि वे धान न बोएं ताकि ब्लैकस्पॉट तक पहुंच चुके भूजल स्तर को वापस लाया जा सके। धान न बोने वाले किसानों के लिए प्रति एकड़ सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का भी एलान किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 07:16 PM (IST)
भू-जल का अवैध दोहन कर बांझ कर रहे धरती की कोख
भू-जल का अवैध दोहन कर बांझ कर रहे धरती की कोख

संजय मग्गू, पलवल

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भू-जल स्तर को ठीक रखने के लिए सरकार कई स्तर पर कोशिश कर रही है। भूमिगत जल के संरक्षण के लिए जहां जलशक्ति अभियान चलाया गया वहीं किसानों से अपील की जा रही है कि वे धान न बोएं, ताकि ब्लैकस्पॉट तक पहुंच चुके भूजल स्तर को वापस लाया जा सके। धान न बोने वाले किसानों के लिए प्रति एकड़ सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का भी ऐलान किया गया है। लेकिन इस सबसे अलग जल माफिया अवैध रूप से भू-जल का दोहन कर धरती की कोख को बांझ करने में लगे हैं।

जिले में सैकड़ों की संख्या में अवैध तरीके से बोरवेल तथा सबमर्सिबल लगाए गए हैं, जिनसे प्रतिदिन लाखों लीटर पानी का दोहन किया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर ग्रामीण कॉलोनियों तक पानी माफिया अवैध धंधे को जमाए हैं। जल माफिया किस कदर बेखौफ है इसकी एक बानगी यह भी है कि अवैध दोहन से लघु सचिवालय जहां जिले भर के आला अधिकारी बैठकर नीतियां बनाते हैं तथा उनके क्रियान्वन की योजनाएं तैयार होती हैं, भी अछूता नहीं है। निषेधाज्ञा यानि धारा 144 लगाकर पानी की बर्बादी व अवैध दोहन को रोकने वाले बाबू लोगों की या तो नजर नहीं जाती या फिर पानी माफिया की ऊंची पहुंच के सामने वे जानकर भी अनजान बने रहते हैं।

बॉक्स : जलमाफिया ने भी माना, गंदा है पर धंधा है

भूमिगत जल का दोहन करने का यह धंधा राष्ट्रीय राजमार्ग के गांवों अगवानपुर, फिरोजपुर, बघोला, पृथला, दुधोला सहित कई गावों सहित गांव कुसलीपुर (लघु सचिवालय के नजदीक) जोर-शोर से चल रहा है। इस धंधे को चलाने वाले एक व्यक्ति ने जागरण से बात करते हुए कहा कि उनके ऊपर तक संपर्क हैं। एक बोरवेल जहां से कि एक ट्रक का टैंकर सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद करते हुए चल रहा था ने कहा प्रतिदिन 60 से 80 टैंकर भरे जाते हैं। यह अहसास कराने पर कि उनके इस कृत्य की वजह से आने वाली पीढि़यों को पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ेगा जल माफिया के सदस्य ने कहा कि हमें भी यह पता है पर क्या करें साहब, गंदा है पर धंधा है। बॉक्स : 800 से 1000 रुपये में बिकता है छोटा टैंकर

बोरवेल व सबमर्सिबल लगाने वाले जलमाफिया के सदस्य बोरवेल से एक टैंकर पानी भरने के 200 से 500 रुपये तक वसूल करते हैं। ट्रैक्टर के साथ जुड़ने वाला छोटा टैंकर जिसमें 5000 लीटर तक पानी आता है उसके लिए 200 रुपये तक वसूले जाते हैं। ट्रैक्टर के साथ सात-आठ हजार लीटर क्षमता वाले टैंकर को 300 रुपये तक लेकर भरा जाता है। ट्रक का बड़ा टैंकर जिसमें 18 से 20 हजार लीटर पानी आता है उसको 500 रुपये लेकर भरा जाता है। आगे इन्हें 800 से 2500 रुपये तक में बेचा जाता है। टैंकर चलाने वाले लोग इन्हें फैक्ट्रियों तथा गांव-बस्तियों में भेजते हैं।

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पानी का अवैध दोहन धरती की सेहत के लिए बहुत खराब है। भू-जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। पहले जिले में अधिकांश स्थानों पर 25 फुट तक जलस्तर था जो अब 50 से लेकर 100 फुट तक पहुंच गया है।

- महावीर मलिक, कृषि विशेषज्ञ

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अवैध तरीके से ट्यूबवेलों से दोहन करने से भूजल का स्तर नीचे गिर रहा है। यदि इलाके में एक या दो ट्यूबवेलों से भूजल का दोहन करके क्षेत्र में आपूर्ति की जा रही है तो उस इलाके में भूजल तेजी से नीचे चला जाएगा। इस सीमित स्तर से ज्यादा भूजल का दोहन करने से जल की गुणवत्ता भी खराब होगी और वह क्षारीय रूप ले लेगा।

- डॉ. शिवसिंह रावत, एसई, सिचाई विभाग

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भू-जल स्तर के संरक्षण के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं बना रही है। जल शक्ति अभियान तथा धान न बोने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि का एलान इसी के तहत किया गया है। जहां अवैध तरीके से बोरवेल हुए हैं उनका पता करके कार्रवाई की जाएगी। - नरेश नरवाल, जिला उपायुक्त


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