जिले में वैक्सीन आई, कोरोना की होगी विदाई
पिछले दस महीने से कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था अब वह खत्म हो गया है।
जागरण संवाददाता, पलवल: पिछले दस महीने से कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था, अब वह खत्म हो गया है। देश में 16 जनवरी से शुरू हो रहे कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर वैक्सीन की पहली खेप बृहस्पतिवार को जिले में पहुंच गई है। गुरुग्राम से वैन के जरिए पहुंची 5090 डोज को नागरिक अस्पताल स्थित सीएमओ कार्यालय के कोल्ड चेन स्टोर में रखा गया है, जहां चौबीस घंटे पुलिस का पहरा रहेगा। यहां से स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए चार टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन भेजी जाएगी।
टीकाकरण के प्रथम चरण में 4300 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। टीकाकरण के लिए गठित टीमों को प्रशिक्षण देने के साथ ही दो चरणों में ड्राई रन के माध्यम से पूर्वाभ्यास किया गया। टीकाकरण के लिए जिले में चार केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलावलपुर, होडल, हथीन तथा नागरिक अस्पताल शामिल हैं। पहले दिन प्रत्येक केंद्र पर सौ-सौ लोगों को टीके लगाए जाएंगे। वहीं दूसरे और तीसरे चरण में क्रमश: फ्रंट लाइन वर्कर्स तथा 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद अन्य आम लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराया जाएगा। वैक्सीनेशन से पूर्व होगा पंजीकरण
वैक्सीनेशन के लिए पात्र लाभार्थियों को पहले पंजीकरण कराना होगा। उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से वैक्सीनेशन और उसके निर्धारित समय के बारे में जानकारी मिलेगी। पंजीकरण के लिए फोटो के साथ पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। इनमें से आधार कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस, वोटर आइडी, के साथ कोई भी पहचान पत्र दिया जा सकता है। कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण के कोरोना वैक्सीन नहीं प्राप्त कर सकता है। दूसरा टीका 28 दिन बाद
एक बार टीकाकरण होने के 28 दिन बाद दूसरा टीका लगेगा। टीकाकरण होने के बाद भी मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी होगी। कोरोना वैक्सीन पंजीकृत कर्मियों के नाम से ही आएगी। यदि कोई कर्मी नहीं आता है, तो उसके स्थान पर दूसरे को वैक्सीन नहीं लगेगी। टीका बांह पर लगाया जाएगा। इंसुलिन वाली छोटी सीरिज उपयोग की जाएगी। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है। मेरी जिलेवासियों से अपील है कि वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही तरह-तरह की भ्रांतियों पर ध्यान न दें।
डाक्टर ब्रह्मदीप, सिविल सर्जन।