बाहरी राज्यों के व्यापारियों को निशाना बना रहे हैं टटलू गिरोह
पलवल ही नहीं दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा सहित पूरे एनसीआर में दर्जनों टटलू गिरोह सक्रिय हैं। समय के साथ-साथ इन्होंने अपने अपने ठगी के धंधे को भी लूट में बदल दिया है। पहले ये नकली सोने की ईंट थमाकर लोगों को ठगते थे, अब ये लोगों को बंधक बनाकर लूट व फिरौती की वारदातों अंजाम दे रहे हैं। इंटरनेट के जरिए अब ये गिरोह बाहरी राज्यों के व्यापारियों को लगातार निशाना बना रहे हैं। अपने शातिराना दिमाग से ये पुलिस को भी बड़ी आसानी से चमका देने में माहिर हैं।
- शातिराना दिमाग से दे रहे हैं पुलिस को चकमा
सुरेंद्र चौहान, पलवल
पलवल ही नहीं दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा सहित पूरे एनसीआर में दर्जनों टटलू गिरोह सक्रिय है। समय के साथ-साथ इन्होंने अपने ठगी के धंधे को भी लूट में बदल दिया है। पहले ये नकली सोने की ईट थमाकर लोगों को ठगते थे, अब ये लोगों को बंधक बनाकर लूट व फिरौती की वारदातों अंजाम दे रहे हैं। इंटरनेट के जरिए अब ये गिरोह बाहरी राज्यों के व्यापारियों को लगातार निशाना बना रहे हैं। अपने शातिराना दिमाग से ये पुलिस को भी बड़ी आसानी से चमका देने में माहिर हैं।
टटलू गिरोह द्वारा मालूका गांव में बंधक बनाकर रखे गए कर्नाटक के मैंगलोर के व्यापारी अब्दुल जब्बार को तो पुलिस ने सघन सर्च अभियान चलाकर सकुशल रिहा करा लिया, लेकिन एक भी टटलूबाज पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। इस बार पुलिस को यह सफलता फिरौती के लिए की गई फोन की लोकेशन से मिली, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है। गिरोह के सदस्य वारदात के बाद फोन और सिम को बदल देते हैं। कुछ फोन चोरी के होते हैं तो कुछ लूटे हुए। दूसरे राज्यों में कर जाते हैं प्रवेश
ये गिरोह पलवल जिले के हथीन क्षेत्र के गांवों, नूंह जिले के अलावा राजस्थान के जुरहेड़ा, भरतपुर, कामा, डीग, उत्तर प्रदेश सीमावर्ती गांवों के रहने वाले लोगों के हैं। अकेले पलवल जिले में ही पिछले एक साल में तीन दर्जन से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। काफी वारदातों में तो पीड़ित डर के कारण पुलिस के पास ही नहीं जाते। वारदात को अंजाम देने के बाद ये राजस्थान व उत्तर प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में प्रवेश कर जाते हैं और मामला शांत होने के बाद दोबारा वारदात को अंजाम देते हैं। पहले ठगते थे, अब बंधक बनाकर लूटते हैं
टटलू गिरोह पहले खोदाई में सोने की ईंट मिलने की बात कहकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। पीतल की ईंट में ड्रिल से छिद्र करके सोने का बुरादा भर देते थे और डील के दौरान उसी स्थान से सोने का बुरादा निकालकर सामने वाले को जांच के लिए देते थे। लोग भी जांच के बाद नकली ईंट को खरीद लेते थे। उनके ठगने के इस अंदाज को ज्यादातर लोग समझ चुके हैं। इसलिए वह अब इंटरनेट पर ऑन लाइन बिक्री साइटों का सहारा लेते हैं। कभी सस्ती कार तो कभी अन्य सामान सस्ता दिलाने का झांसा देकर क्षेत्र में बुला लेते हैं और फिर बंधक बनाकर लूटपाट करते हैं। करीब साल भर पूर्व लूट की वारदातों में पकड़े गए नूंह के बिछोर निवासी अजरूद्दीन, नीमका निवासी मुस्तकीम व इमरान ने पुलिस को पूछताछ के दौरान इसी प्रकार से वारदात को अंजाम देने के बारे में बताया था। टटलू गिरोहों को लेकर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और पिछले दो माह में ही करीब एक दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इन पर पूरी तरह से अंकुश लोगों की जागरूकता से ही लग सकता है। इसलिए लोग पुलिस का सहयोग करें और सतर्क रहें।
- सुरेश कुमार, डीएसपी मुख्यालय